जांजगीर चाम्पा: प्राकृतिक आपादा में मारे गए लोगों के परिजनों को राज्य सरकार सहयोग राशि देती है. लेकिन अब इसमें भी अपराधियों ने फर्जीवाड़ा करना शुरु कर दिया है. जांजगीर चाम्पा में हुए इस मामले का खुलासा तब हुआ. जब संयुक्त कलेक्टर के हस्ताक्षर से जारी किये गए 4-4 लाख रुपये स्वीकृति करने के आदेश की कॉपी सम्बंधित विभाग में पहुंची. आदेश पर अमल करने विभाग का क्लर्क ने दस्तावेज परीक्षण करते समय आदेश की कॉपी में कुछ गड़बड़ी पाया. जिसके बाद वह उसे लेकर संयुक्त कलेक्टर निशा नेताम मरावी के पास पहुंचा.
आदेश कॉपी देख कलेक्टर के उड़े होश:आदेश कॉपी को देख कर संयुक्त कलेक्टर के होश उड़ गए और उस आदेश में अपने हस्ताक्षर से मिलता जुलता हस्ताक्षर ने शंका और बढ़ा दी. जिसके बाद प्रकरण सम्बन्धी दस्तावेज खांगला गया. लेकिन आदेश में जारी किसी भी नाम का कोई प्रकरण नहीं होने की जानकारी सामने आई. जिसके बाद संयुक्त कलेक्टर ने सम्बंधित वकील के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.
"वकील के खिलाफ कार्रवाई के आदेश:"मामले में संयुक्त कलेक्टर निशा नेताम मड़ावी ने बताया कि "वकील ने आरबीसी 6-4 के तीन आदेश, जिसमें शाखा प्रभारी और शाखा लिपिक का फर्जी हस्ताक्षर करके राशि का आहरण किया. जब कार्यालय के जावक पंजी का जब मिलान किया गया. तो उसमें प्रकरण दर्ज नहीं था. मामला संज्ञान में आने के बाद भुगतान नहीं किया गया है. अब संबंधित वकील के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए हैं."