जांजगीर चांपा :जिले का नाम देश के कोने कोने तक पहुंचाने वाले नैला की मां दुर्गा सेवा समिति ने इस बार माता की इको फ्रेंडली मूर्ति स्थापना की तैयारी की है. मिट्टी और नेचुरल रंगों का इस्तेमाल करके छत्तीसगढ़ के मूर्तिकारों की टीम ने 35 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई है. जिसका श्रृंगार सोने चांदी के सिक्के और आर्टिफिशियल ज्वेलरी से किया जा रहा है.अक्षर धाम मंदिर के पंडाल में माता की स्थापना की जा रही (Durga pandal built like Akshardham temple ) है. जो नवरात्रि के तीसरे दिन से जनता को दर्शन देंगी.
नैला में अनोखी होती है दुर्गा पूजा :वैसे तो नैला रेलवे स्टेशन परिसर (janjgir champa naila railway station ) क्षेत्र में 50 साल से शारदीय नवरात्र में माता का पूजन किया जा रहा है.पहले रेलवे के कर्मचारी इसे संचालित करते थे. लेकिन समय बदलने के साथ समिति भी बदल गई और नैला के युवाओं ने पूजा की जिम्मेदारी उठाई. अब 35 साल से माता के अलग-अलग स्वरूप का दर्शन युवा करा रहे हैं. कभी सोने के सिक्का से माता का स्वरूप बनाया ,कभी चांदी के सिक्के से तो कभी नारियल की प्रतिमा लोगों के आकर्षण का केंद्र बनीं. इस छत्तीसगढ़ के ही नही दूसरे प्रांत से भी श्रद्धालु माता के स्वरूप का दर्शन करने आए. कोरोना महामारी के कारण आयोजन रुक गया था. लेकिन इस बार फिर से समिति ने अनूठा प्रयोग किया. प्रकृति को समर्पित करते हुए माता दुर्गा की प्रतिमा मिट्टी और नेचुरल रंगों से बनवाना शुरू की. जिसे सजाने के लिए माता को स्वर्ण कमल का आसन बनाया और विशाल छत्र लगाया जा रहा है.वहीं कई देवी देवताओं की झांकी भी बनाई गई है,इसके अलावा अक्षर धाम मंदिर का पंडाल बनाया गया है .जिसे लाइट साउंड से सजाया जा रहा है.