जांजगीर-चांपा:एक सहायक शिक्षक ने ऐसा रोबोट बनाया है, जिससे हजारों किलोमीटर दूर आतंकियों पर निगरानी रखी जा सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं भविष्य में इस रोबोट का उपयोग बिना ड्राइवर के कार ऑपरेटिंग सिस्टम में भी किया जा सकेगा. सहायक शिक्षक के तैयार किए गए चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूर्ण रूप से मोबाइल नेटवर्क या जीपीआरएस सिग्नल पर आधारित है.
यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिकामें आयोजित प्रतियोगिता के लिए चयनित
सहायक शिक्षक राज ने बताया कि कबाड़ से तैयार किए गए चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) को यूनाइटेड स्टेट में आयोजित प्रतियोगिता के लिए चुना गया है. उन्होंने बताया कि यूनाइटेड स्टेट में 25 और 26 अप्रैल 2020 को वर्ल्ड रोबोट ओलंपियाड और वर्ल्ड रोबोट कॉम्पिटिशन होना है, जिसमें वे भारत से प्रतिभागी के रूप में शामिल होकर चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) का प्रदर्शन करेंगे.
कबाड़ की जुगाड़ में बना रोबोट
अकलतरा विकासखंड के खटोला शासकीय प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत सहायक शिक्षक हेमसिंह राज ने कबाड़ से जुगाड़ कर यह रोबोट तैयार किया है. इससे कई महत्वपूर्ण कार्य संभव है. शिक्षक राज ने बताया कि उन्होंने कबाड़ से चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) बनाया है. यह एक ऐसा रोबोट है, जिसे हजारों किलोमीटर दूर रहकर ऑपरेट किया जा सकता है क्योंकि यह पूर्ण रूप से मोबाइल नेटवर्क या जीपीआरएस सिग्नल पर आधारित है. लिहाजा, इस रोबोट की अंतरिक्ष विज्ञान में अहम भूमिका हो सकती है.
चंद्रयान-तीन रोवर की विशेषता
- सबसे बड़ी विशेषता यह है कि चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) पूर्ण रूप से वायरलेस सिस्टम है, जिसे हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी ऑपरेट किया जा सकता है.
- अंतरिक्ष विज्ञान में जीपीआरएस से कनेक्ट करें तो चंद्रयान या मिशन मंगल में अहम भूमिका निभा सकता है.
- लाखों किलोमीटर दूर चंद्रमा और मंगल ग्रह से तस्वीर और वीडियो भेजा जा सकता है.
- भारतीय सैन्य सुरक्षा और आतंकियों की निगरानी के लिए भी इसे उपयोग में लाया जा सकता है.
- बिना ड्राइवर के कार ऑपरेटिंग सिस्टम में भी इसका उपयोग किया जा सकता है.