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छापेमारी से छोटे गल्ला व्यापारियों में भय का माहौल, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

धान के अवैध भंडारण के खिलाफ कार्रवाई से छोटे दुकानदार और किसान खासे परेशान हैं. व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन आंकड़ा बढ़ाने के चक्कर में छोटे गल्ला व्यापारियों पर भी ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं.

An atmosphere of fear among small Galla traders due to raids
गल्ला व्यापारियों में भय का माहौल

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Published : Nov 27, 2019, 6:17 PM IST

जांजगीर-चांपा: अवैध धान भंडारण के खिलाफ जिला प्रशासन और खाद्य विभाग की कार्रवाई से छोटे गल्ला व्यापारियों में भय का माहौल है. छोटे व्यापारियों का आरोप है कि आंकड़े बढ़ाने के फेर में उन पर भी ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. इससे जो किसान रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए थोड़ा बहुत धान बेचना चाह रहा था वो भी अब धान नहीं बेच पा रहा है. गल्ला व्यापारी किसानों से धान नहीं खरीद रहे हैं. ऐसे में छोटे व्यापारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई रोकने की अपील की है.

दरअसल, जिले के राजस्व, खाद्य, मण्डी विभाग की संयुक्त टीम अवैध धान भण्डारण, परिवहन करने वाले सहित बिचौलियों और दलालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. जिला प्रशासन की संयुक्त टीम रोजाना किराना दुकान, राइस मिलों में दबिश देकर हजारों क्विंटल धान की जब्ती की है. इसे लेकर व्यापारी संघ ने कलेक्टर से कार्रवाई रोकने की मांग की है.

व्यापारी और ग्रामीण दोनों परेशान
मामले में व्यापारियों का कहना है कि अधिकारियों ने दुकानदारों के घरों में छापा मारकर धान की जब्ती की है, जिसके चलते सभी व्यापारियों का व्यापार ठप हो चुका है. इससे सभी व्यापारियों में भय का माहौल है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में किसान छोटी-मोटी जरूरतों के लिए धान बेचकर सामान खरीदी करते हैं, लेकिन अब प्रशासन के ताबड़तोड़ कार्रवाई से वह घबराए हुए हैं.

सख्त कार्रवाई से मचा हड़कंप

1 दिसंबर से प्रदेश में धान खरीदी होनी है. लेकिन प्रशासन की सख्ती की वजह से उससे पहले छोटे किसानों को भारी परेशानी हो रही है. वे धान नहीं बेच पा रहे हैं.

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