जांजगीर-चांपा:शिक्षा पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है. हर साल गांव और शहरों में सरकारी स्कूल के निर्माण और मेंटेनेंस के लिए लाखों रुपयों का बजट पास किया जाता है. इसका फायदा उठाकर प्रशासन में बैठे कई लोग स्कूलों के लिए जारी राशि का आहरण करने से नहीं चूक रहे हैं. ETV भारत ने जब जांजगीर चांपा जिले के जनपद पंचायत जैजैपुर के गांव अमाकोनी में पड़ताल की, तो वहां एक भी मीडिल स्कूल नहीं मिला.2017 में इस गांव में मिडिल स्कूल के अहाता निर्माण के लिए 5 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी. इस बड़े फर्जीवाड़े में कई अधिकारी शामिल हैं. निर्माण एजेंसी ने न सिर्फ अहाता निर्माण के लिए राशि ली थी, बल्कि निर्माण कार्य कराने की बात भी कही थी, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि जब कोई स्कूल संचालित ही नहीं है, तो उसके अहाता निर्माण की बात कहां से आ गई.
ग्राम पंचायत अमाकोनी में शासकीय प्राथमिक शाला के अलावा स्कूल कहीं संचालित नहीं है, लेकिन जिम्मेदार विभाग के लोगों ने कागजों पर ही यहां मिडिल स्कूल में अहाता निर्माण करा दिया है. उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों पर गौर किया जाए, तो अमाकोनी में मिडिल स्कूल के अहाता निर्माण के नाम पर वर्ष 2017 में 5 लाख रुपये की स्वीकृति जनपद पंचायत ने दी थी. उसके बाद 5 नवंबर 2017 को इसकी तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई और ग्राम पंचायत रीवाडीह को निर्माण एजेंसी बनाया गया. इसके लिए RES के अभियंता ने 14 नवंबर 2017 को स्थल निरीक्षण किया उसके बाद 5 लाख की राशि मिडिल स्कूल के अहाता निर्माण के नाम पर आहरित कर ली गई. इतना ही नहीं आरईएस के तत्कालीन एसडीओ ने इसका भौतिक सत्यापन भी किया और जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ के माध्यम से इस कार्य को 2017, 18 में पूर्ण होना बताकर पूरी राशि जारी कर दी गई.