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कोरोना के खिलाफ एक बार फिर लामबंद हुए बस्तर अंचल के ग्रामीण, गांवों को किया सील

छत्तीसगढ़ में कोरोना से मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में शहरों के मुकाबले कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर ग्रामीण ज्यादा जागरूक नजर आ रहे हैं. बस्तर के ग्रामीणों ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने-अपने गांव को खुद सील कर लिया है.

villagers seal their village
ग्रामीणों ने गांव को किया सील

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Published : Apr 23, 2021, 7:24 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: देश में फैली कोरोना महामारी की दूसरी वेव के खतरे को जानते हुए भी जहां शहर के लोग जिला प्रशासन के निर्देशों को नजर अंदाज कर, बेवजह शहर में घूमकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, वहीं बस्तर जिले के ग्रामीण अंचलों में इस महामारी को लेकर लोग ज्यादा सतर्क नजर आ रहे हैं. पिछले दो दिनों में बस्तर जिले के 150 से ज्यादा गांव के ग्रामीणों अपने गांव को सील कर दिया है. साथ ही सभी गांव के मुख्य द्वार में बैरिकेड्स लगाकर बाहर से आने वाले लोगों का गांव में प्रवेश निषेध कर दिया गया है.

बस्तर के ग्रामीणों ने सील किया गांव

कोरोना महामारी के संक्रमण से गांव वालो को सुरक्षित रखने के लिए जिले के ज्यादातर गांव के ग्रामीणों ने गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव के अंदर प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. ग्रामीणों को भी गांव से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है.

ग्रामीणों ने सील किया गांव का मुख्य मार्ग

मुख्य द्वार को किया गया बंद

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 15 अप्रैल से बस्तर में लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन की अवधि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बढ़ाए जाने की भी संभावना जताई जा रही है. देखा जा रहा है कि इस साल शहरवासियों के साथ ग्रामीण अंचलों में भी बड़ी संख्या में लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. दिन-ब-दिन कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में पिछले 2 दिनों से ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में लोगों ने अपने दरवाजे और गांव के मुख्य द्वार में बैरिकेड लगा दिया है.

गांव का मुख्य मार्ग बंद

शहरी क्षेत्र के लोगों का प्रवेश निषेध

ग्रामीणों का कहना है कि बस्तर में भी कोरोना का कहर विकराल रूप ले रहा है. शहरी इलाकों से लोग बड़ी संख्या में इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में अपने इलाके के ग्रामीणों को बचाने और कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पिछली बार की तरह इस बार भी उन्होंने अपने पंचायत के मुख्य द्वार को बंद कर दिया है. शहरी लोगों को गांव के भीतर आने नहीं दिया जा रहा है.

रास्तों को किया गया बंद

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कोविड नियमों का पालन

महामारी से बचने के लिए ग्रामीण बेहद जागरूक हैं. वैसे तो ग्रामीण अपने पास मौजूद कपड़ों से मुंह ढकने के साथ 2 गज की दूरी भी बनाकर रखते हैं. लेकिन इसके बावजूद बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश करने से संक्रमण का खतरा बना रहता है और इसी वजह से इलाके के सभी गांव और पंचायत के लोगों ने अपने-अपने गांव के मुख्य द्वार को सील कर दिया है.

लकड़ियों और टहनियों से लगाया गया बैरिकेड

गांव में ही मिल रहा दैनिक उपयोग का सामान

ग्रामीणों का ये भी कहना है कि उनकी जरूरत की हर चीज उन्हें गांव में ही मिल जा रही है. साग सब्जी हो या राशन सभी गांव में उपलब्ध है. ऐसे में उन्हें शहर जाने की जरुरत ही नहीं पड़ रही है. ग्रामीण केवल इमरजेंसी में ही बाहर निकलते हैं. इस दौरान भी कोरोना से बचने के लिए पूरी सावधानी बरती जाती है. इसके अलावा ग्रामीण अपने घरों में रहकर ही कोरोना संक्रमण से बच रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी बस्तर के सभी गांव को कोरोना महामारी से बचाना है और गांव में संक्रमण फैलने से रोकना है. इसलिए सभी गांव के मुख्य द्वार को सील करने का काम किया जा रहा है.

गांव का मुख्य मार्ग बंद

ग्रामीणों को नहीं मिला मास्क

बस्तर जिले के 3 विधानसभा के ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ सुकमा जिला में पहले से ही ग्रामीणों ने अपने-अपने गांव को सील कर दिया है. इसके बाद अब बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर और दंतेवाड़ा में भी ग्रामीण लगातार अपने पंचायत और गांव को और मोहल्ले को सील करने का काम कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे जिला प्रशासन ओर से जारी सभी निर्देशों का पूरा पालन कर रहे हैं. हालांकि उनका कहना है कि शासन की तरफ से उन्हें मास्क उपलब्ध नहीं कराया गया है, लेकिन उनके पास जो गमछा या रुमाल है उसी से वे अपनी सुरक्षा कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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