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न स्मार्ट फोन और न नेटवर्क, कैसे CORONA VACCINE लगवाएं बस्तर के युवा ?

बस्तर में स्मार्टफोन की कमी और नेटवर्क की प्रॉब्लम की वजह से जिले के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोग बहुत परेशान हैं. डिजिटल बैरियर होने के साथ-साथ प्रशासन का साथ भी लोगों को नहीं मिल रहा है. राज्य सरकार के सीजी टीका एप्लीकेशन (CG Teeka application) में 18 से 44 साल तक के युवा रजिस्ट्रेशन नहीं करा पा रहे हैं. यहां के लोगों का कहना है कि उनके लिए किसी तरह के हेल्प डेस्क की भी व्यवस्था नहीं की गई है. युवा दिन भर स्लॉट बुक करते हैं लेकिन हाथ खाली रह जाते हैं. देखिए बस्तर के गांवों के लोग वैक्सीन के लिए कैसे भटक रहे हैं.

Villagers of Bastar are unable to get corona vaccine due to lack of smart phones and network problems
बस्तर में स्मार्टफोन की कमी और नेटवर्क की प्रोबल्म

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Published : May 27, 2021, 9:52 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर:जिले में भी कोरोनावायरस से निपटने के लिए टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination) शुरू हो चुका है. राज्य सरकार ने वैक्सीन के लिए सीजी टीका एप्लीकेशन (CG Teeka application) एप्लीकेशन में वैक्सिन के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया है. यानी जिसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होगा उसे वैक्सीन नहीं लगेगी. बस्तर के ग्रामीण अंचलों में रहने वालों के लिए ये शर्त सिरदर्द बन गई है. यहां वैक्सीन (Corona vaccine) लगवाने के लिए लोगों को ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था किसी चुनौती से कम नहीं है. सर्वे के मुताबिक बस्तर के ग्रामीण अंचलों में केवल 30 फीसदी ही ग्रामीणों के पास स्मार्टफोन है. साथ ही मोबाइल नेटवर्क की समस्या भी क्षेत्र में लंबे समय से बनी हुई है. ऐसे में बिना मोबाइल नेटवर्क के और ऑनलाइन पंजीकरण (online registration) के जानकारी के अभाव में ग्रामीण पंजीकरण कैसे कर सकेंगे और उन्हें कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन का लाभ कैसे मिल पाएगा.

डिजिटल बैरियर में वैक्सीनेशन

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग को काफी पिछड़ा हुआ क्षेत्र माना जाता है. नक्सलवाद की समस्या के साथ-साथ बस्तर में मोबाइल नेटवर्क, अशिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की समस्या लंबे समय से बनी हुई है. ऐसे में देश में विकराल रूप ले चुकी कोरोना महामारी से ग्रामीणों को बचाने राज्य सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. बस्तर जिले के साथ-साथ संभाग के अन्य जिलों में भी ग्रामीण अंचलों में न के बराबर वैक्सीन ग्रामीणों को लग पाई है. थोड़ी बहुत शिक्षित युवा वैक्सीन तो लगाना चाहते हैं लेकिन रजिस्ट्रेशन के लिए जानकारी के अभाव में वे पिछले कई दिनों से परेशान हैं, साथ ही कमजोर मोबाइल नेटवर्क भी उनकी एक बड़ी समस्या बन गई है. यही वजह है कि ग्रामीण अंचलों में 18 से 44 वर्ष के 60 से 70 फीसदी ग्रामीण अब तक कोरोना वैक्सीन का लाभ नहीं ले पाए हैं.

बस्तर

स्मार्ट फोन और नेटवर्क की समस्या के कारण सीजा टीका एप में नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन

ETV भारत ने जब ग्रामीण युवाओं से वैक्सीन को लेकर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि उनके गांव में अधिकतर लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है. हालांकि उनके गांव में वैक्सीनेशन सेंटर जरूर खोले गए हैं. गांव के युवाओं ने बताया कि जिनके पास स्मार्ट फोन हैं, वे सीजी टीका एप में रजिस्ट्रेशन करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. गांववालों ने बताया कि पंजीकरण कैसे करते हैं ये भी अधिकतर लोगों को नहीं पता, जिससे वे परेशान हो रहे हैं. इसके साथ गांव में स्मार्टफोन की कमी है. कई ग्रामीण अशिक्षित होने की वजह से स्मार्ट फोन चलाना नहीं जानते. ऐसे में सीजी टीका एप्लीकेशन में रजिस्ट्रेशन करना तो दूर की बात है. इसके साथ ही नेटवर्क की समस्या की वजह से भी उनका रजिस्ट्रेशन पोर्टल में नहीं हो पा रहा है.

नेटवर्क की समस्या

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गांव के लोग वैक्सीनेशन से पूरी तरह वंचित

युवाओं ने यह भी बताया कि गांव में रजिस्ट्रेशन के अलावा और कोई दूसरी व्यवस्था प्रशासन द्वारा नहीं की गई है. लिहाजा अधिकतर लोग वैक्सीनेशन से पूरी तरह से वंचित हैं. गांव में पढ़े लिखे युवा भी नेटवर्क खोज कर रजिस्ट्रेशन करने के बावजूद भी हमेशा उन्हें स्लॉट फुल दिखाता है और उन्हें वैक्सीन नहीं मिल पाती. युवाओं ने यह भी बताया कि कई बार टीकाकरण केंद्रों में जाकर रजिस्ट्रेशन करने की जानकारी भी उन्होंने लेनी चाही लेकिन उन्हें वहां पर बैठे लोगों के द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई. लिहाजा बिना वैक्सीन लिए कई ग्रामीणों को वापस लौटना पड़ा है.

सीजी टीका एप में नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन

शहर के लोग गांव आकर लगवा रहे कोरोना का टीका

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उनके पंचायत में टीकाकरण केंद्र तो खुले हैं लेकिन वहां भी शहरी लोगों को ही टीकाकरण का लाभ मिल पाता है क्योंकि वे रजिस्ट्रेशन कर वैक्सीन का लाभ ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल उनके ग्रामीण अंचलों में कोरोना का प्रकोप कम है लेकिन अगर कोरोना संक्रमण फैलता है तो इसकी चपेट में पूरे ग्रामवासी के आने की पूरी संभावना है. ऐसे में वे कोरोना से भी डर रहे हैं और वैक्सीन भी लगाना चाह रहे हैं. लेकिन उनकी मदद करने प्रशासन कोई रुचि नहीं दिखा रहा है.

कमजोर मोबाइल नेटवर्क बनी समस्या

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'ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत'

इधर जानकारों का भी मानना है कि अगर बस्तर के ग्रामीण अंचलों में कोरोना का संक्रमण फैलता है तो कई ग्रामीण इसके चपेट में आ जाएंगे और स्थिति भी काफी भयंकर होगी. क्योंकि ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य केंद्र और एंबुलेंस की कमी के साथ-साथ स्वास्थ विभाग में स्टाफ की भी कमी है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना जांच के साथ-साथ वैक्सीनेशन पर भी पूरा ध्यान देने की जरूरत है. प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना जांच, इसके इलाज और वैक्सीनेशन पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है.

बस्तर के गांव

'गांवों में बनाई गई हेल्प डेस्क'

इधर बस्तर कलेक्टर का कहना है कि ग्रामीण अंचलों में पंजीकरण की अज्ञानता के चलते ग्रामीणों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है. जहां ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की मदद से ग्रामीणों को वैक्सीन लगाने के लिए पंजीकरण की पूरी जानकारी दी जा रही है. साथ ही कलेक्टर का कहना है कि जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है उनके लिए भी टीकाकरण केंद्रों में वॉलिंटियर्स की तैनाती की गई है. जो ग्रामीणों का रजिस्ट्रेशन कर उन्हें वैक्सीन का लाभ पहुंचा रहे हैं. कलेक्टर का कहना है कि वैक्सीनेशन को लेकर ग्रामीणों को किसी तरह की समस्या नहीं आ रही है.

बस्तर कलेक्टर द्वारा ग्रामीण अंचलों के टीकाकरण केंद्रों में ग्रामीणों को रजिस्ट्रेशन से संबंधित जानकारी देने के लिए वॉलिंटियर्स और कर्मचारियों की तैनाती का दावा तो किया जा रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है बस्तर सभाग के ग्रामीण अंचलों के अधिकतर टीकाकरण केंद्रों में ना ही कोई वॉलिंटियर्स दिख रहा है और ना ही ग्रामीणों को वैक्सीन से संबंधित कोई जानकारी दी जा रही है. जिस वजह से जानकारी के अभाव में बिना वैक्सीन लगाये ही ग्रामीण वापस लौट रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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