जगदलपुर: आदि शक्ति मां दंतेश्वरी बस्तर की आराध्य देवी मानी जाती हैं. कालांतर से ही मां दंतेश्वरी के प्रति बस्तरवासियों में गहरी आस्था है. इसके अलावा बस्तर में एक और देवी हैं, जिसे बस्तर की कुलदेवी कहा जाता है. मां दंतेश्वरी की तरह ही मां हिंगलाज के प्रति बस्तरवासियों के साथ पड़ोसी राज्य तेलंगाना और ओडिशा के लोगों में गहरी आस्था है. हिंगलाजिन मां को मां दंतेश्वरी का ही एक रूप माना जाता है.
शहर से 40 किलोमीटर दूर बस्तर ब्लॉक के गिरोला गांव में विराजमान मां हिंगलाजिन बस्तर की कुलदेवी मानी जाती हैं. बस्तर और ओडिशा की सीमा पर स्थित गिरोला गांव में विराजमान मां हिंगलाजिन यहां वर्षों से पूजी जा रही हैं. कालांतर से मां हिंगलाज का इस गांव में विशेष महत्व है. यहीं वजह है कि बस्तर के साथ पूरे छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना राज्य से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां हिंगलाजिन के दर्शन के लिए गिरोला पहुंचते हैं.
बढ़ती जा रही है श्रद्धालुओं की संख्या
यहां के प्रधान पुजारी लोकनाथ कश्यप बताते हैं कि राजा महाराजा के समय से स्थापित देवी मां के मंदिर में पीढ़ी दर पीढ़ी उनका परिवार पूजा करता आ रहा है. हिंगलाजिन माता बस्तर की कुलदेवी और मां दंतेश्वरी की एक रूप है. पुजारी ने बताया कि तीनों राज्यों से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साल दर साल बढ़ती ही जा रही है.