बताया जा रहा है कि क्रूड बम पॉवरफुल होने के साथ ज्वलनशील होता और उसकी मारक क्षमता भी काफी ज्यादा होती है. इस बम के ऊपर भी हैंड ग्रेनेड की तरह स्प्रिंग लगा रहता है.
पहली बार इस तरह का बम मिलने की पुष्टि
बस्तर जिले में पहली बार इस तरह के बम मिलने की पुष्टि हुई है. इस मामले की जांच कर रहे पुलिस के अधिकारी युलेंडर यार्क ने बताया कि फॉरेंसिक यूनिट ने रायपुर प्रयोगशाला में धातुओं के टुकड़े परीक्षण के लिए भेजी है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
असामाजिक तत्व करते हैं बम का इस्तेमाल
लेकिन शुरुआती जांच में यह पाया गया है कि इस बम का इस्तेमाल असामाजिक तत्वों द्वारा किया जाता है. हालांकि अभी यह स्प्ष्ट नहीं हो पाया है कि इस क्रूड बम का इस्तेमाल जावनरों को मारने के लिए किया जाता है या किसी अन्य काम के लिए.
खदान मालिकों से पूछताछ
वहीं गांव के आस-पास मौजूद खदानों के मालिकों से भी पूछताछ की जा रही है, लेकिन अब तक खदानों में ब्लास्ट के लिए इस तरह के बम का इस्तेमाल नहीं करने की बात सामने आ रही है. फिलहाल पुलिस के अधिकारी रिपोर्ट आने के बाद ही ब्लास्ट के असली कारणों का पता लग पाने की बात कही है. वहीं घायलों की स्थिति में सुधार होने पर उनके बयान के बाद मामला स्पष्ट होने की बात कही जा रही है.