जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में सबसे ठंडे क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले बस्तर में इस साल मार्च महीने के पहले सप्ताह से ही गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. बस्तर में तेजी से गर्मी के बढ़ने के साथ-साथ अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. बस्तर में मार्च के आखिरी सप्ताह के बाद से गर्मी का प्रकोप रहता है, लेकिन पिछले दो सालों से मार्च महीने में ही गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इस साल पहले ही सप्ताह में बस्तर में पारा 38 से 39 डिग्री पहुंच गया है. अगर यहीं आलम रहा तो आने वाले महीनों में पारा 44 से 45 डिग्री तक पहुंच सकती है.
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अभी और सताएगी गर्मी
बस्तर में मार्च शुरु होते ही गर्मी का एहसास होने लगा है. आने वाले दिनों में पूरे बस्तर संभाग में गर्मी का प्रकोप छाये रहने की आशंका है. दक्षिण बस्तर के साथ उत्तर बस्तर और अन्य क्षेत्रों में भी मौसम विभाग ने मार्च, अप्रैल और मई महीने के लिए पूर्वानुमान जारी किया है. इस बार गर्मी से लोगों का हाल बेहाल हो सकता है. बस्तरवासियों का कहना है कि बस्तर में हर साल गर्मी काफी देर से पहुंची थी और मार्च महीने में कंपकपी ठंड का एहसास होता था, लेकिन बीते 2 साल से देखा जा रहा है कि सघन वन वाले क्षेत्र बस्तर में भी गर्मी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. वजह वनों की हो रही तेजी से कटाई माना जा रहा है.
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गर्मी से बचायेगा ज्यादा पानी और हेल्दी फूड
अस्पतालों में भी गर्मी बढ़ने के साथ मौसमी बीमारियों से परेशान मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर संजय प्रसाद का कहना है कि मार्च महीने के शुरुआती दिनों में ही सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. हालांकि मरीजों में मौसमी बीमारी के साथ-साथ अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीज भी शामिल हैं. डॉक्टर ने गर्मी से बचने के लिए काफी सारे उपाय बताए हैं. डॉक्टरों ने ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की नसीहत दी है. इसके अलावा हेल्दी फूड खाने की नसीहत दी है. बस्तर में हर साल अप्रैल के पहले सप्ताह से गर्मी की शुरुआत होती थी, लेकिन अब बस्तर भी बीते दो साल से मार्च से ही तेज गर्मी के चपेट में आ रहा है.