जगदलपुर: अतिक्रमण के खिलाफ आखिरकार बस्तर में रहने वालों के साथ ईटीवी भारत की मुहिम रंग लाने लगी है. 15 साल बाद ही सही बस्तरवासियों की मांग शुक्रवार को विधानसभा में प्राथमिकता से उठाया गया. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने दलपत सागर में अतिक्रमण के खिलाफ राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल जांच के निर्देश दिए हैं.
लंबे समय से अतिक्रमण के खिलाफ जगदलपुर के प्रसिद्ध दलपत सागर में हुए अतिक्रमण की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने शुक्रवार को विधानसभा में इसके लिए छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को निर्देश दिए हैं. दरअसल, बजट सत्र में प्रश्न काल के दौरान विधायक मोहन मरकाम ने दलपत सागर में हुए अतिक्रमण को लेकर सवाल उठाया. मोहन मरकम ने आरोप लगाया कि, दलपत सागर में बीते कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है. जिसपर विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को निर्देश देते हुए कहा कि, वे इस पूरे मामले की जांच करें और अगले सत्र में इसकी पूरी रिपोर्ट सदन को दें.
ईवीटी भारत ने उठाया था मुद्दा
आपको बता दें, ईटीवी भारत ने दलपत सागर के बदतर हालत और भू-माफिया द्वारा दलपत सागर के किनारे अतिक्रमण की खबर को प्रमुखता से दिखाते रहा है. दलपत सागर बचाओ मंच के साथ ईटीवी भारत ने भी दलपत सागर के अस्तित्व को बचाने के लिए लंबे समय से आवाज उठाते रहा है. शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जांच के आदेश के बाद बस्तरवासियों ने दलपत सागर का अस्तित्व वापस लौटने की उम्मीद जताई है.
महज 600 एकड़ में सिमट गया है दलपत सागर
बस्तर के रियासतकालीन धरोहरों में से एक जगदलपुर शहर का दलपत सागर बस्तर का शान कहा जाता है, लेकिन कुछ वर्षों से इसके अस्तित्व का खतरा मंडरा रहा है. शहर के कुछ भू-माफिया यहां लगातार अतिक्रमण कर रहे हैं. जिससे लड़ने के लिए स्थानीय लोगों ने दलपत सागर मंच का गठन कर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए मंच के सदस्यों ने एनजीटी में भी एक याचिका दायर की थी. जिसके बाद सागर किनारे निर्माण कार्यों पर रोक लगा दिया गया था, लेकिन भू-माफिया नहीं माने और लगातार अतिक्रमण करते रहे. 750 एकड़ में फैला यह दलपत सागर 600 एकड़ में सिमट कर रह गया है.