जगदलपुर: कोरोना (Corona) नक्सलियों पर भी कहर बनकर टूटा है. नक्सली संगठन के कई बड़े नेता कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. सेंट्रल कमेटी मेंबर के कई बड़े नक्सली लीडर (Naxal leaders) की मौत कोरोना से हुई है. सेंट्रल कमेटी के सदस्य हरीभूषण राव और महिला नक्सली कमांडर भारतक्का की मौत के बाद नक्सलियों ने एक प्रेस नोट जारी कर इन दोनों की मौत की वजह कोरोना को बताया है. इसके अलावा जानकारी यह भी मिली है कि नक्सलियों के प्लाटून नंबर 1 के खूंखार नक्सली हिड़मा (Naxali Commander Hidma), सोनू ,विनोद, जयमन और नंदू जैसे बड़े लीडर भी कोरोना से संक्रमित हैं.
बस्तर IG ने जानकारी देते हुए बताया कि सीपीआई (माओवादी) संगठन के तेलंगाना स्टेट कमेटी ने एक प्रेस नोट जारी कर सेंट्रल कमेटी सदस्य हरीभूषण राव और महिला नक्सली कमांडर भारतक्का उर्फ बुद्रिका की कोरोना बीमारी से मौत होने की बात स्वीकार की है. IG ने बताया कि पहली बार सीपीआई माओवादी संगठन के नक्सल दलम में कोरोना महामारी के कारण हो रही मौत की जानकारी दी है. इससे पहले भी कोरोना संक्रमण के संबंध में बस्तर के अंदरूनी इलाकों में जनता को नक्सली गुमराह कर रहे थे. नक्सलियों ने खुद के दलम के सदस्यों को भी गुमराह किया हुआ था.
तेलंगाना स्टेट कमेटी के सचिव और 40 लाख के इनामी नक्सली हरिभूषण की कोरोना से मौत
नक्सली कमांडर हिड़मा के भी कोरोना संक्रमित होने की जानकारी
IG ने बताया कि बस्तर पुलिस के पास PLGA (People's Liberation Guerrilla Army) बटालियन नंबर एक के कमांडर हिड़मा समेत सीनियर नक्सली कैडर सोनू, विनोद, जयमन, नंदू और कई नक्सलियों के कोरोना से संक्रमित होने की जानकारी मिली है.
जानिए कौन है नक्सली कमांडर हिड़मा ?
हिड़मा की उम्र 40 साल के करीब है और वो सुकमा जिले के पूवर्ती गांव का रहने वाला है. उसने 90 के दशक में नक्सली संगठन ज्वॉइन किया था. पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन नंबर 1 का प्रमुख है. हिड़मा को खतरनाक एंबुस लगाने और घातक हमलों के लिए जाना जाता है. हिडमा करीब 250 नक्सलियों के समूह का मुखिया है. तर्रेम नक्सली हमले से लेकर बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की हत्या का मास्टरमाइंड हिड़मा को बताया जाता है.
कोरोना को लेकर नक्सलियों ने आदिवासी जनता को गुमराह किया
आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि इस बात की तस्दीक भी की जा रही है कि कितने और नक्सली कोरोना से संक्रमित है. नक्सलियों के कैंप में कोरोना महामारी की स्थिति काफी भयानक और गंभीर बनी हुई है. ऐसे में नक्सली नेतृत्व और उनके समर्थकों को सच्चाई को स्वीकार करते हुए क्षेत्र की जनता और खुद के दलम के सदस्यों को कोरोना के संबंध में दिग्भ्रमित नहीं करना चाहिए. वहीं आईजी बस्तर ने एक बार फिर से बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को नक्सली गतिविधियों से दूर रहने की अपील की है.
'हम हिड़मा की मांद में घुस चुके हैं, ऑपरेशन जारी रहेगा'
आईजी ने की सरेंडर कर इलाज कराने की अपील
आईजी ने अपील की है कि स्थानीय ग्रामीण नक्सलियों के किसी भी जुलूस या बैठक में शामिल ना हों, जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा कम हो. उन्होंने स्थानीय नक्सलियों से भी अपील की है कि वह हिंसा का रास्ता छोड़कर बस्तर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करें. इस दौरान कोरोना संक्रमित पाए जाने पर बस्तर पुलिस उनका संपूर्ण इलाज कराने के साथ ही पुनर्वास नीति का लाभ भी मुहैया कराएगी.
कई बड़े नक्सली लीडर्स की हुई मौत
- 27 मई को तेलंगाना के कोत्तागुड़म जिले में अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित नक्सली कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की मौत हो गई थी. (Death of Korsa Ayatu) पुलिस का दावा है कि कोरोना संक्रमण से उसकी मौत हुई है.
- 5 जून को हैदराबाद में नक्सलियों के कम्युनिकेशन टीम के चीफ (Chief of communication team of Naxalites) गद्दाम मधुकर उर्फ सोबराय (Gaddam Madhukar alias Sobrai) की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
- 13 जून को नक्सली नेता कट्टी मोहन राव उर्फ दामू दादा की मौत हो(death of Naxalite Mohan Rao) गई. सूत्रों के अनुसार नक्सली मोहन राव कोरोना से संक्रमित था. वहीं नक्सलियों ने मोहन की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई है.