महापौर ने इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने का जिक्र राज्य सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में किया है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस योजना को सूबे में लागू करने के लिए कदम उठाएगी. बता दें कि भागीरथी नल-जल योजना के तहत 3 हजार बीपीएल परिवारों से हर महीने 60 रुपए नल बिल लिया जाता था.
ऐसा हुआ तो ये प्रदेश का पहला ऐसा निगम होगा
अगर ऐसा होता है तो जगदलपुर नगर निगम प्रदेश की पहला ऐसा निगम होगा जो गरीबों को मुफ्त में पानी देगा. इस कदम का फायदा हो सकता है कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव में हो. क्योंकि कांग्रेस नल बिल माफ और बिजली बिल हाफ का नारा इस लोकसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी में है.
अभी लिए जाते हैं 60 रुपए
महापौर जतिन जायसवाल ने बताया कि शहर में भागीरथी नल जल योजना के तहत कनेक्शन लगाने वाले करीब 3 हजार गरीब परिवारों को मुफ्त में पानी दिए जाने का प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजा गया है. दरसअल बीपीएल परिवारों से पानी के बदले हर महीने 60 रुपए शुल्क के तौर पर लिए जा रहे हैं. लेकिन अब उन्हें मुफ्त में पानी देने के लिए निगम को हर माह करीब 1 लाख 80 हजार रुपए का अतिरिक्त भार उठाना होगा.
जल्द मिल सकती है मंजूरी
महापौर ने कहा कि निगम इस भार को उठाने में सक्षम नहीं है इसलिए राज्य सरकार से मदद मांगी गयी है और राज्य सरकार भी इसके लिए तैयार हो गई है. महापौर ने कहा कि इस योजना को पूरे राज्य में लागू करने के लिए भी प्रस्ताव में लिखा गया है. जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
विपक्ष ने साधा निशाना
इधर विपक्ष ने इस योजना को महापौर की कल्पना बताया है. भाजपा के पार्षद रजनीश पाणिग्रही का कहना है कि जगदलपुर नगर निगम मंदी के दौर से गुजर रहा है. निगम के खुद के आय के स्त्रोत नहीं होने से राज्य सरकार के भरोसे निगम चल रहा है. ऐसे स्थिति में महापौर द्वारा जो 3 हजार लोगों को मुफ्त में पानी देने का जो वादा उन्होंने ने किया है वो पूरी कल्पना है. वे शहरवासियों को वे झूठ बोल रहे है. बीते 4 साल से महापौर लोक लुभावनी बाते करते हैं और उनकी योजना धरातल में नहीं आती. रजनीश पाणिग्रही ने कहा कि महापौर अपनी वाहवाही लुटाने इस तरह की योजना बता रहे हैं.
शहर में अभी निगम के 48 वार्डों में 3,000 ऐसे बीपीएल परिवार हैं जिन्होंने निगम से नल का कनेक्शन लिया है. ऐसे में मुफ्त पानी की सुविधा शहर के इन परिवारों को मिलनी है. 5 साल पहले निगम चुनाव के दौरान कांग्रेस ने पानी के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ा था और कांग्रेसी महापौर चुनाव जीते थे. ऐसे में माना जा रहा है कि अपने इस कार्यकाल के अंतिम साल में गरीबों के लिए मुफ्त पानी की सौगात दिला कर आगामी चुनाव में इसका फायदा कांग्रेसी उठा सकते हैं.