जगदलपुर:नगर निगम जगदलपुर महापौर के लिए सामान्य महिला सीट आरक्षित होने के बाद एक तरफ जहां सामान्य पुरुष उम्मीदवारों में निराशा है, तो वहीं दूसरी तरफ लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रही महिला कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है.
जगदलपुर नगर निगम में 10 सालों के बाद सामान्य महिला सीट आरक्षित हुई है और इसको लेकर दोनों ही बड़ी पार्टी की महिलाएं काफी खुश हैं सामान्य महिला आरक्षित सीट की घोषणा होने के साथ ही महिला उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी दावेदारी की ताल भी ठोक दी है. वहीं लोगों का कहना है कि वे पिछले 15 साल से विकास की राह देख रहे हैं शायद अब कुछ भला हो जाए.
- जगदलपुर नगर निगम महापौर के लिए दोनों ही पार्टी के जनप्रतिनिधियों और दावेदारों की निगाहें टिकी हुई थीं. कयास ये लगाया जा रहा था कि जिस तरह 2004 में सामान्य महिला सीट आरक्षित हुई थी और उसके बाद 2009 के निगम चुनाव में सामान्य पुरुष सीट आरक्षित थी. 2014 में अन्य पिछड़ा वर्ग की सीट आरक्षित थी, इस बार 2019 के चुनाव में सामान्य पुरुष की सीट आरक्षित हो सकती है.
- आरक्षण की घोषणा होने के साथ ही कई पुरुष सामान्य सीट के दावेदारों में निराशा देखने को मिली.
- वहीं महिला सामान्य सीट होने से बीजेपी और कांग्रेस के महिला दावेदारों ने अपनी-अपनी दावेदारी के लिए ताल ठोक दी है. पिछले 2 कार्यकाल से पार्षद का चुनाव जीत रहे कांग्रेस और भाजपा के महिला पार्षदो ने भी दावेदारी पेश की है.
निराश दिखे पुरुष उम्मीदवार
वहीं कांग्रेस से प्रबल दावेदार यशवर्धन राव और राजेश चौधरी निराश नजर आए. लेकिन उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल के निगम सरकार के कार्यों को देखते हुए महिला सीट पर भी कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है.
अरमानों पर फिरा पानी
इधर भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग के इस फैसले का स्वागत तो जरूर किया है लेकिन कहीं ना कहीं उनमें भी निराशा साफ देखने को मिल रहे थी. भाजपा में भी सामान्य सीट में पुरुष दावेदारों की लिस्ट काफी लंबी चौड़ी थी. लेकिन सामान्य महिला सीट के घोषणा के साथ ही सबके अरमानों में पानी फिर गया.