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औद्योगिक विकास संगोष्ठी: बस्तर में सिर्फ बस्तरिया के लिए ही लगेगा उद्योग- कवासी लखमा - किसान हितैषी सरकार

कांग्रेस सरकार को जहां किसान हितैषी कहा जा रहा है, वहीं कांग्रेस सरकार पर उद्योग विरोधी होने का आरोप भी लगने लगा है.

औद्योगिक विकास संगोष्ठी

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Published : Mar 7, 2019, 3:22 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस बस्तर में शुरू से ही बड़े उद्योगों के विरोध में रही है. कांग्रेस ने सरकार बनने के बाद टाटा के लिए अधिग्रहित जमीन किसानों को लौटा इसका प्रमाण भी दिया है. जमीन वापस करने से किसानों ने जहां कांग्रेस सरकार को किसान हितैषी कहा जा रहा है, वहीं कांग्रेस सरकार पर उद्योग विरोधी होने का आरोप भी लगने लगा है.

औद्योगिक विकास संगोष्ठी

ऐसे आरोप को खारिज करने के लिए छत्तीसगढ़ में पहली बार औद्योगिक विकास संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसके लिए सबसे पहले बस्तर को ही चुना गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने की जहां बस्तर के तमाम विधायक और अधिकारी मौजूद रहे.

बस्तर वनोपज और कृषि आधारित क्षेत्र है. यहां खनिज संपदा भी प्रचुर मात्रा में है. पर्याप्त मात्रा में खनिज होने की वजह से बस्तर में बड़े उद्योगों की प्रबल संभावना है. यही वजह है कि यहां लगभग 16 हजार करोड़ की लागत से नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना की जा रही है. साथ ही केंद्र सरकार ने डीलमिली में करोड़ों रुपये की लागत से मेगा पावर प्लांट के लिए भी एमओयू किया था.

2005 में बनी उद्योग नीति समाप्त
इधर, छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि, 2005 में बनी उद्योग नीति अब समाप्त हो गई है. अब नई नीति बनाई जाएगी जिसके लिए एक समिति का गठन किया गया है. यह समिति बस्तर के अलावा अन्य पड़ोसी राज्यों में जाकर अध्ययन करेगी. जिससे नई उद्योग नीति बनाने में मदद मिल सके. उद्योग नीति बस्तर को विशेष तौर पर ध्यान में रखकर बनाया जाएगा. जिससे बस्तर के लोगों को इसका लाभ मिल सके. कवासी लखमा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस तरह की यह पहली संगोष्ठी है और आगे चलकर इसे सरगुजा और अन्य क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

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