बस्तर: कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने देशभर में लगभग सभी सेक्टर्स को प्रभावित किया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से बस्तर पर्यटन का व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया है. अप्रैल माह में बस्तर जिले में स्थित चित्रकोट, तीरथगढ़, कांगेर वैली जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया था, जो अब तक शुरू नहीं हो सका है. पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, लॉकडाउन के बाद से विभाग को लाखों रुपए का घाटा हुआ है.
पर्यटन के बंद होने से इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. रिसॉर्ट, होटल और ट्रैवल्स से जुडे़ व्यवसायियों और फुटकर व्यापारियों को लाखों का नुकसान हुआ है. पर्यटन का क्षेत्र अब तक कोरोना के नुकसान से पूरी तरह उबर नहीं पाया है. इस सेक्टर को अब भी राहत का इंतजार है.
दरअसल देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात की खूबसूरती को देखने के लिए नए साल के शुरू होते ही दूरदराज से पहुंचे पर्यटकों की भीड़ लग जाती थी. बता दें कि देश के साथ-साथ विदेशों से भी बड़ी संख्या में सैलानी अपनी गर्मियों की छुट्टी मनाने बस्तर पहुंचते थे. यहां प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण पर्यटन स्थलों और सुंदरता से भरे पर्यावरण का लुत्फ उठाते थे. जिससे पर्यटन व्यवसाय और इससे जुड़े कारोबार भी तेजी से फल-फूल रहे थे, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से पिछले 5 महीनों से बस्तर के पर्यटन स्थलों को पूरी तरह से आमजनों के लिए बंद कर दिया गया है.
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12 महीने गुलजार रहने वाले पर्यटन स्थलों को आज सैलानियों का इंतजार
चित्रकोट और तीरथगढ़ का अनुपम सौंदर्य देखने के लिए साल के 12 महीने पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता था. आए दिन चहल-पहल से भरा होता था, लेकिन आज इन स्थानों पर गहरा सन्नाटा पसरा हुआ है. इस शांत माहौल को देखकर लगता है कि पर्यटन को आज पर्यटकों का इंतजार है, लेकिन इसके फिर से गुलजार होने में कितना वक्त है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है.
पर्यटकों पर आश्रित व्यापार ठप