जगदलपुर:बस्तर में शौचालय के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार का उजागर हुआ है. बस्तर के अधिकारियों पर शौचालय के नाम पर ग्रामीणों को बेवकूफ बनाने का आरोप लगा है. कह सकते हैं कि स्वच्छ भारत का सपना बस्तर में सपना ही रह गया है. जबकि ये गांव कागजों में ODF मुक्त बताया जाता है. बस्तर के तोकापाल ब्लॉक के एरंडवाल पंचायत से स्वच्छ भारत की तस्वीरें सामने आई है, जिसमें शौचालय तो है, लेकिन उसमें न ही टॉयलेट सीट है, न ही सेप्टिक टैंक, दरवाजा और छत भी गायब है. इसके बावजूद भी ये गांव ODF मुक्त है.
दरअसल, भारत देश को स्वच्छ बनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने एक सपना देखा और सपने को साकार करने के लिए एक योजना बनाई गई. इस योजना के तहत देश के सभी घरों में 12 हजार रुपये की लागत से शौचालय बनाने का आदेश दिया गया. साथ ही शौचालय की राशि भी सभी राज्यों को भुगतान की गई. जिसके बाद बस्तर में बिना काम पूरा हुए ही अधिकारियों ने शौचालय निर्माण के लिए आई राशि निकाल ली. गांव ODF हो गया है और शौचालय कागजों में ही सिमट कर रह गया. अधिकारी शौचालय के नाम पर ग्रामीणों को सालों तक बेवकूफ बनाते रहे. मजबूरन ग्रामीण अधर में लटके इस शौचालय का इस्तेमाल कर रहे हैं. जहां ग्रामीणों को हर वक्त जंगली जानवर, सांप, बिच्छु का डर सताते रहता है.
शौचालय का काम अधूरा
गांव के एक युवक ने बताया कि सालों से शौचालय का काम अधूरा पड़ा हुआ है, जिम्मेदारों से शौचालय को पूरा करने की बात कहने पर वे गोल-मोल जवाब देते हैं. गांव की ही एक महिला ने बताया कि वे खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं, जबकि उनके नाम पर जिम्मेदारों ने शौचालय निर्माण के लिए आये पैसे निकाल लिए हैं.