जगदलपुर: बस्तर और ओडिशा सीमा से सटे तिरिया माचकोट के जंगलों में 2019 में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हुई थी, जिसमें एक छात्र जोगी राम की क्रॉस फायरिंग में मौत हो गई थी, जिसके बाद छात्र के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे. जांच में पाया गया कि छात्र बेगुनाह था, क्रॉस फायरिंग में मौत हुई थी. अब छात्र के पिता सुखराम को आदिवासी विकास विभाग में नौकरी मिली है.
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दरअसल, 2019 में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग के दौरान तिरिया माचकोट गांव के एक निर्दोष छात्र की मौत हो गई थी. परिवार के लोगों ने आरोप लगाया था कि मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने छात्र का इस्तेमाल किया था, जिसकी वजह से उसकी जान चली गई.
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बस्तर पुलिस ने जांच के बाद स्वीकार किया था कि क्रॉस फायरिंग में छात्र जोगीराम की मौत हुई थी. घटना के 1 साल बाद पुलिस ने जोगीराम के पिता सुखराम को आदिवासी विभाग में सरकारी नौकरी दी है. साथ ही परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया है.
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बता दें कि मुठभेड़ में छात्र की मौत मामले में बस्तर एसपी ने जांच के आदेश भी दिए थे. तिरिया माचकोट के जंगलों में हुई मुठभेड़ में लापरवाही पर विभागीय जांच की जा रही है. बस्तर के आईजी ने कहा है कि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए जवानों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सावधानी बरतने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है.