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बस्तर दशहरा: डेरी गड़ई रस्म से शुरू होता है रथ निर्माण

विश्व प्रसिध्द बस्तर दशहरा की दूसरी महत्वपूर्ण डेरी गड़ई की रस्म पूरी कर ली गई. रथ के निर्माण कि प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरई पेड़ की लकड़ियों को लाना शुरू कर दिया जाता है.

डेरी गड़ई रस्म से शुरू होता है रथ निर्माण

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Published : Sep 11, 2019, 10:29 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: विश्व प्रसिध्द बस्तर दशहरा की दूसरी महत्वपूर्ण डेरी गड़ई की रस्म बुधवार को सीरहासार भवन में पूरी की गई. इस रस्म के साथ ही रथ के निर्माण कि प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरई पेड़ की लकड़ियों को लाना शुरू कर दिया जाता है. रथ बनाने के लिए झारउमर गांव और बेड़ाउमर गांव से 100 से भी ज्यादा कारीगर बुलाए जाते हैं, जिनकी खातिरदारी के लिए यहां इंतजाम किया जाता है.

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ये है डेरी गड़ई की रस्म

  • रियासतकाल से चली आ रही डेरी गड़ई की इस रस्म में परंपरा के अनुसार इसके लिए बिरिंगपाल गांव से सरई पेड़ कि टहनियां लाई जाती हैं और इन टहनियों की पूजा कर पवित्र किया जाता है.
  • इसके बाद लकड़ियों को गाड़ने के लिए बनाए गए गड्ढों में अंडा और जीवित मछलियाँ डाली जाती हैं.
  • फिर टहनियों को गा़ड़कर इस रस्म को पूरा किया जाता है और माता दंतेश्वरी से रथ निर्माण प्रक्रिया को शुरू करने की इजाजत ली जाती है.

करीब 400 साल पुरानी इस परंपरा का निर्वाह आज भी पूरे विधि-विधान के साथ किया जा रहा है. इस परंपरा के लिए उपस्थित बस्तर सांसद दीपक बैज ने बस्तर दशहरा की शुभकामनाएं देने के साथ ही दशहरा का उल्लास बनाए रखने के लिए राज्य सरकार के हर संभव कोशिश किए जाने की बात कही.

सांसद ने कहा कि, 'इस वर्ष दशहरा पर्व उधार में नहीं मनाया जाएगा और इसके लिए राज्य सरकार से करीब 55 लाख रूपए की राशि मांगी गई है.'

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

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