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इंद्रावती नदी को बचाने के लिए समिति का गठन, आंदोलन की तैयारी - समिति

बैठक में सभी ने इंद्रावती के बचाव के लिए कई सुझाव दिए. इस दौरान लोगों ने राज्य सरकार को ओडिशा सरकार से बातचीत कर इसका समाधान निकालने और जमीनी स्तर पर बस्तर के लोगों द्वारा पेड़ लगाने के सुझाव सामने आए.

इंद्रावती नदी को बचाने के लिए समिति का गठन

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Published : Apr 29, 2019, 8:37 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: जिले में रविवार को प्राणदायिनी इंद्रावती नदी को बचाने के लिए एक समिति का गठन किया गया. बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स के भवन में आयोजित हुए इस बैठक में शहर के बुद्धिजीवी, इंजीनियर, अलग-अलग सामाजिक संगठन के सदस्य, रंगकर्मी, व्यापारी वर्ग और युवा शामिल हुए.

इंद्रावती नदी को बचाने के लिए समिति का गठन

बैठक में सभी ने इंद्रावती के बचाव के लिए कई सुझाव दिए. इस दौरान लोगों ने राज्य सरकार को ओडिशा सरकार से बातचीत कर इसका समाधान निकालने और जमीनी स्तर पर बस्तर के लोगों द्वारा पेड़ लगाने के सुझाव सामने आए.

बड़े पैमाने पर आंदोलन की शुरुआत
समिति के सदस्य संतोष जैन ने कहा कि अगर इंद्रवती नदी को बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है, तो आगामी दिनों में समिति के सभी सदस्य छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा से लेकर चित्रकोट तक लगभग 65 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे. इस बैठक में शहर के बुद्धिजीवी, मीडिया कर्मी और शहर के व्यापारियों को सदस्य बनाया गया है. आगामी दिनों में बस्तर के लोग इंद्रावती को बचाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन की शुरुआत कर रहे हैं.

पूरी तरह सूखी इंद्रावति
दरसअल गर्मी के मौसम में ऐसा पहली बार हुआ है कि बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी पूरी तरह सूख गई है. इसका खासा असर बस्तर के कई इलाकों में देखने को मिल रहा है. वहीं विश्व प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात भी पानी कम होने के चलते दम तोड़ता नजर आ रहा है. इन्हीं सब कारणों को लेकर बस्तरवासी चिंतित हैं और एक बड़े जन आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

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