जगदलपुर : बस्तर को प्रदेश का पहला टूरिज्म सर्किट बनाने की तैयारियां जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है. कलेक्टर ने पर्यटन विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने के उद्देश्य सभी पर्यटन स्थलों में विकास कार्य करने की बात कही गई. इन पर्यटन स्थलों को व्यवस्थित बनाने का जिम्मा भी जिला प्रशासन ने उठाया है. इसके अलावा बस्तर के आदिवासियों की संस्कृति रहन-सहन और यहां की परंपरा को देश विदेशों में पहचान दिलाने के लिए बस्तर ट्रायबल म्यूजियम भी तैयार की जा रही है.
बस्तर में बनेगा टूरिज्म सर्किट बस्तर में स्थित पर्यटन स्थल विश्व विख्यात है, हर साल हजारों की संख्या में यहां पर्यटक बस्तर की इन प्राकृतिक व नैसर्गिक खूबसूरती को देखने पहुंचते हैं.प्राय: देखा गया है कि पर्यटको को यहां पर्यटन स्थलों के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती और ना ही यहां पर ठहरने की व्यवस्था है. पर्यटक बस्तर के आदिवासी संस्कृति से भली भांति परिचित भी नहीं हो पाते हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ने अब बस्तर को टूरिज्म सर्किट बनाने का निर्णय लिया है. इसके तहत ट्रांसपोर्ट लॉजिंग के अलावा पर्यटकों के लिए यहां हर तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. यहां की आदिवासी संस्कृति की जानकारी भी देने के लिए बकायदा ट्राइबल आर्ट म्यूजियम भी तैयार किया जा रहा है.
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पर्यटक अब बस्तर के सभी पर्यटन स्थलों की सही जानकारी लेने के साथ ही यहां टूरिस्ट गाइड की मदद से घूम सकेंगे. उन्हें ठहरने और बस्तर की पारंपरिक भोजन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. इसके लिए पर्यटन स्थलों के साथ-साथ जगदलपुर शहर में नए-नए पर्यटकों के लिए केंद्र खोले जा रहे हैं. जहां से उन्हें सभी तरह की जानकारी मिल सकेगी.
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जिला प्रशासन ने आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की के लिए पर्यटन केंद्रों के आसपास के गांवों में युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश भी की जा रही है. ग्रामीण युवाओं को गाइड के रूप में और महिलाओं के समूह को पर्यटन स्थलों के रखरखाव और देखभाल की जिम्मेदारी दी जा रही है. बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि वे ये नहीं चाहते कि बस्तर के पर्यटन स्थलों में एकाएक पर्यटकों की भीड़ उमड़े. वे सिर्फ यह चाहते हैं कि यहां के पर्यटन स्थलों में पहुंचने वाले लोग जब यहां पहुंचे तो यहां के बारे में उन्हें पूरी जानकारी मिले. उन्होंने बताया कि पर्यटन स्थलों में व्यवस्थाओं का जिम्मा स्थानीय लोगों को देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जा रहा है. वहीं अब इस टूरिज्म सर्किट के माध्यम से बस्तर पहुंचने वाले पर्यटको को बस्तर के सभी पर्यटन स्थलों की जानकारी मिलने के साथ ही आदिवासियों की कल्चर और आदिवासियों का भोजन सभी उपलब्ध हो सकेगा.