Bronchoscopy Test: जगदलपुर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्रोंकोस्कोपी जांच शुरू, बस्तरवासियों को मिलेगी बड़ी राहत - डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्रोंकोस्कोपी
Bronchoscopy Test Started In Dimarapal Hospital: जगदलपुर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों के लिए बड़ी जांच सुविधा की शुरुआत हुई है. अस्पताल में ब्रोंकोस्कोपी जांच की फैसिलिटी शुरू हुई है. इससे मरीजों को अब ब्रोंकोस्कोपी जांच कराने के लिए दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा.Dimarapal Hospital Jagdalpur
बस्तर: बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार हो रहा है. यहां के सबसे बड़े अस्पताल डिमरापाल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में फेफड़े के इलाज के लिए ब्रोंकोस्कोपी जांच शुरू की गई है. जांच की इस सुविधा के शुरू होने से अब बस्तर के लोगों को इलाज में काफी आसानी होगी. संभाग के मरीजों को अब ब्रोंकोस्कोपी के लिए दूसरे शहर और दूसरे राज्य का रुख नहीं करना पड़ेगा.
ब्रोंकोस्कोपी के लिए मरीजों को नहीं जाना होगा रायपुर (Lung treatment in Dimarapal Medical College ): बस्तर के मरीजों को ब्रोंकोस्कोपी के लिए अब रायपुर नहीं जाना पड़ेगा. पहले इस तरह की जांच के लिए बस्तर के लोगों को बस्तर से रायपुर तक का सफर करना पड़ता था. उसके बाद यहां जांच करवानी पड़ती थी. इतना ही नहीं कई बार रायपुर के सरकारी अस्पतालों में ब्रोंकोस्कोपी जांच में देरी होने पर लोगों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता था. इससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती थी.
"इस सुविधा का लाभ बस्तरवासी को मिलेगा. अब उन्हें रायपुर तक सफर नहीं करना पड़ेगा. ब्रोंकोस्कोपी से मरीजों के फेफड़ों की जांच की जाती थी. इसके अलावा लंग्स टीबी के मरीजों की भी जांच की जाती थी. इस सुविधा के साथ साथ अब फेफड़े की बाइऑप्सी भी करने में आसानी होगी. कुल मिलाकार डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फेफड़े की बीमारी से जुड़ी सभी तरह की जांच की जाएगी": अमर दीपक टोप्पो, डॉक्टर, डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल
क्यों की जाती है ब्रोंकोस्कोपी जांच: डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में खांसी, फेफड़ों के संक्रमण, फेफड़ों के कैंसर और सांस की बीमारी से जुड़े मरीज आते थे. यहां ब्रोंकोस्कोपी जांच की सुविधा नहीं थी. जिसकी वजह से मरीजों को जांच के लिए दूसरे जगह जाना पड़ता था. ब्रोंकोस्कोपी टेस्ट फेफड़ों से जुड़ी जटिल से जटिल बीमारी के लिए किया जाता है. इससे फेफड़ों के कंडीशन का पता चलता है.इस जांच से मरीजों के इलाज की तैयारी में काफी मदद मिलती है. फेफड़े के निश्चित हिस्से में दवाई पहुंचाने में इस जांच के जरिए काफी मदद मिलती है.