जगदलपुर: बस्तर में एक बार फिर चुनावी दंगल की शुरूआत हो गई है, संभाग की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव और नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले दोनों ही बड़ी पार्टियों के के नेता बस्तर का दौरा करने लगे हैं. दोनों ही पार्टिंयां अलग-अलग अभियान चलाकर लोगों को अपनी ओर करने की कोशिश कर रही हैं.
आने वाले दिनों में बस्तर संभाग में उपचुनाव और नगरीय निकाय चुनाव होने हैं. इसे देखते हुए कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं का दौरा शुरू हो गया है. हालांकि अभी उपचुनाव की तारीखों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन बस्तर की इन दो सीटों को जीतना दोनों ही दलों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं को किया प्रोतसाहित
चित्रकोट विधायक दीपक बैज के सांसद बनने और दंतेवाड़ा से बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियों की ओर से हत्या करने के बाद खाली दोनों सीटों पर उपचुनाव होने हैं. बस्तर सांसद दीपक बैज ने कहा कि, 'कांग्रेस ने उपचुनाव की तैयारियों की शुरूआत कर दी है और सबसे पहले कांग्रेस की रीढ़ माने जाने वाली यूथ कांग्रेस के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसके साथ ही कार्यकर्ताओं को बड़े नेताओं ने प्रोतसाहित किया.
कांग्रेस की जीत सुनिश्चित : दीपक बैज
सांसद बैज ने कहा कि, 'कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है और प्रदेश की सरकार ने जनता से किए वादे को पूरा किया है, जिससे चित्रकोट और दंतेवाड़ा के साथ ही पूरे प्रदेश की जनता कांग्रेस के साथ है और दोनों ही सीटों पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है.'
भाजपा ने भी किया कार्यकर्ता सम्मलेन
कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर के दूसरे ही दिन भाजपा ने भी चित्रकोट विधानसभा के लोहंडीगुड़ा में कार्यकर्ता सम्मलेन किया, जिसमें नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और बस्तर भाजपा के बड़े नेता शामिल हुए.
दंतेवाड़ा के दौरे पर कौशिक
धरमलाल कौशिक अपने दो दिवसीय दौरे पर बस्तर पहुंचे हैं, हालांकि कौशिक के मुताबिक, वे सदस्यता अभियान के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोहंडीगुड़ा और दंतेवाड़ा के दौरे पर है.
उपचुनाव पर बीजेपी का फोकस
आने वाले उपचुनाव भी इन दोनों ही विधानसभा में है और लंबे समय से बीजेपी बस्तर में पिछड़ती रही है. ऐसे में बड़े नेताओं का दौरा यह साफ करता है कि अब भाजपा का फोकस बस्तर पर ज्यादा है.
भाजपा के लिए प्रत्याशियों का चयन होगा चुनौतीपूर्ण
कौशिक से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी भी बस्तर का दौरा कर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर चुके हैं, ताकि बस्तर में अपनी पकड़ मजबूत कर सकें और इसका फायदा उपचुनाव समेत आने वाले नगरीय और पंचायत चुनावों में भी मिल सके.
आसान नहीं हैं उपचुनाव
हालांकि चित्रकोट उपचुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं है, क्योंकि यहां दावेदारों की अच्छी खासी लिस्ट है, जो भाजपा को चित्रकोट विधानसभा में पिछले दो चुनाव में मिली हार का कारण भी मानी जाती है. ऐसे में भाजपा के सामने चुनाव में कांग्रेस से लड़ने से पहले प्रत्याशी के चयन के लिए, अपने ही पार्टी के दावेदारों से लड़ने की चुनौती होगी.