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बस्तर के रियासत कालीन तालाब में पसरी गंदगी, भू-माफिया भी हैं एक्टिव, प्रशासन ले रहा चैन की नींद

जगदलपुर: बस्तर के रियासत कालीन तालाब दलपत सागर का अस्तित्व नगर-निगम और जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते गंदगी और जलकुंभी की भेंट चढ़ गया है. सागर के आसपास पसरी गंदगी और जलकुंभी से यह ऐतिहासिक सरोवर सीमटने की कगार पर है.

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Published : Feb 13, 2019, 11:34 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

bastar dalpat sagar pond full of wastage and Eichhornia

इस तालाब को बचाने के लिए जन आंदोलन मंच ने इसका बीड़ा उठाया है. दलपत सागर में पसरी गंदगी और जलकुंभी को हटाने के लिए जनमंच के लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में शहरवासी श्रमदान कर रहे हैं. मंगलवार से यहां हो रहे सफाई अभियान में जन आंदोलन मंच के लोगों ने अपने पैसे खर्च कर जेसीबी मशीनों को इस सफाई अभियान में लगाया है.
भू-माफियाओं का है कब्जा
जनमंच के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि ये तालाब राजा दलपत देव के नाम से जाना जाता है. ये तालाब बस्तर रियासत काल का एकमात्र तालाब है जो पूरे प्रदेश में मशहूर है. बावजूद इसके प्रशासन ने इस ऐतिहासिक तालाब को विलुप्ती की कगार पर छोड़ दिया है.
इसके संवर्धन के नाम पर हर साल निगम और जिला प्रशासन करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करती है, लेकिन इसके खर्चे सिर्फ कागजों में ही दिखाए जाते हैं. नतीजा इस सागर की स्थिति बद से बदतर हो गई है. यही नहीं 700 एकड़ में फैले इस तालाब पर भू माफियाओं ने भी अपना कब्जा जमा रखा है, जिससे ये तालाब सिर्फ 350 एकड़ में ही सीमट कर रह गया है.
अस्तित्व को बचाने के लिए लगातार हो रहे प्रयास
ये ऐतिहासिक तालाब भू-माफियाओं के कब्जे, पसरी गंदगी और जलकुंभी की वजह से विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गया है. जन आंदोलन मंच के अध्यक्ष ने कहा कि जब तक प्रशासन इस सागर के अस्तित्व को बचाने के लिए गंभीर नहीं हो जाता तब तक मंच के लोग व शहर वासियों के साथ मिलकर सफाई अभियान जारी रखेंगे.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

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