जगदलपुर : बस्तर में प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'नरवा, गरवा, घुरवा, बारी' के तहत बनाए गए गौठानों की स्थिति कुछ ही दिन में बद से बदतर हो चली जा रही है. जिले में मौजूद 4 गौठानों में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है. इन गौठानों से गाय तक गायब हैं.
मवेशियों को बाहर चराने मजबूर हैं ग्रामीण
आनन-फानन में मंत्रियों ने इन गौठानों का उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक करना भूल गए. गौठान बनाने के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए, लेकिन गायों के लिए चारे की व्यवस्था ही नहीं की गई. इस वजह से ग्रामीण अपनी गायों को गौठान के बाहर चराने को मजबूर हैं.
फोटो खिंचवाने मवेशियों को गौठान में रखा
वर्तमान सरकार में 'नरवा, गरवा, घुरवा, बारी' गांव के विकास का मॉडल है. शहर से लगे मारेंगा गांव में हरेली के दिन ही बड़े जोर-शोर से लाखों रुपए की लागत से बने इस गौठान का, बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने उद्घाटन किया था.
ग्रामीणों का कहना है कि, 'सिर्फ मंत्री जी को खुश करने के लिए एक दिन उनके मवेशियों को वहां ले जाया गया और फोटो खिंचवाकर वापस भेज दिया गया. पानी के अलावा किसी और चीज की व्यवस्था नहीं होने की वजह से गौठान में अपने गायों को भूखे-प्यासे नहीं रखा जा सकता'.
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