जगदलपुर : बस्तर में एनएमडीसी प्रबंधन (NMDC Management) द्वारा जिले के एक ही पंचायत को सीएसआर मद से 3 करोड़ रुपये की राशि देने से नाराज भाजपाइयों ने एनएमडीसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपाइयों ने राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर (Bastar Collector) को ज्ञापन सौंपा और सभी पंचायतों को समान अधिकार देने की मांग की. उनका कहना है कि राजनीति लाभ लेते हुए एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा तोकापाल ब्लॉक के डोंगरीगुड़ा पंचायत को ही इतनी बड़ी रकम सीएसआर मद के नाम से दी गई है. जबकि उस इलाके में एनएमडीसी स्लरी पाइप लाइन से प्रभावित अन्य पंचायत भी है. लेकिन उन पंचायतों को दरकिनार कर राजनीति लाभ उठाते हुए एक ही पंचायत को इतनी बड़ी रकम आवंटित की गई है, जो सरासर गलत है.
सीएसआर मद से एक ही पंचायत को 3 करोड़ आवंटित, कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप - bsatar news
बस्तर में एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा जिले के एक ही पंचायत को सीएसआर मद से 3 करोड़ रुपये की राशि देने से नाराज भाजपाइयों ने एनएमडीसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपाइयों ने राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और सभी पंचायतों को समान अधिकार देने की मांग की.
राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप और जनपद उपाध्यक्ष सुब्रतो विश्वास ने बताया कि एनएमडीसी द्वारा बचेली से नगरनार तक स्लरी पाइप लाइन बिछाया जा रहा है. वहीं जिस पंचायत से पाइप लाइन गुजर रही है, उन प्रभावित पंचायतों को एनएमडीसी प्रबंधन के द्वारा सीएसआर मद की राशि दी जानी है. लेकिन पिछले 8 सितंबर को एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा तोकापाल ब्लॉक के केवल एक डोंगरीगुड़ा पंचायत के लिए 3 करोड़ 8 लाख रुपये की राशि सीएसआर मद से आवंटित की गई है, जबकि अन्य प्रभावित पंचायतों को कोई राशि नहीं दी गई है.
भाजपाइयों का आरोप है कि जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की पत्नी उस डोंगरीगुड़ा पंचायत की सरपंच है, ऐसे में राजनीतिक लाभ लेने के लिए एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा इतनी बड़ी रकम अपने पंचायत के लिए आवंटित कराया गया है. जबकि नियम के मुताबिक सभी पंचायतों को समान अधिकार मिलना चाहिए. भाजपाइयों का कहना है कि सभी पंचायतों को समान अधिकार देते हुए NMDC प्रबंधन द्वारा सीएसआर मद की राशि दी जानी चाहिए और अगर ऐसा प्रबंधन द्वारा नहीं किया जाता है तो आने वाले दिनों में भाजपा बस्तर में उग्र आंदोलन करेगी. इधर, इस मामले में बस्तर कलेक्टर का कहना है कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर एनएमडीसी यूनिट से भी चर्चा की जाएगी. NMDC के इस स्लरी पाइपलाइन से प्रभावित अन्य जितनी भी पंचायतें हैं, वहां राशि आवंटित क्यों नहीं की गई हैं और कब तक की जाएंगी इस पर भी NMDC यूनिट से चर्चा की जाएगी.