संकुल प्रभारी की विदाई पार्टी के लिए स्कूलों की छुट्टी, अधिकारी बोले होगी कार्रवाई - संकुल प्रभारी
Farewell Party छत्तीसगढ़ में नौनिहालों का भविष्य संवारने के लिए शासन ने कई योजनाएं चलाई हैं.हजारों करोड़ रुपए का बजट शिक्षा के लिए जारी होता है.लेकिन जिन बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षकों के जिम्मे हैं.वो खुद लापरवाह बने हुए हैं.ऐसा ही चौंकाने वाला मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में सामने आया है.Gaurella Pendra Marwahi
संकुल प्रभारी की विदाई पार्टी के लिए स्कूलों की छुट्टी
संकुल प्रभारी की विदाई पार्टी के लिए स्कूलों की छुट्टी
गौरेला पेंड्रा मरवाही :गौरेला ब्लॉक के ललाती संकुल के दर्जनभर स्कूलों में बच्चों की छुट्टी समय से पहले कर दी गई.जब इस बारे में मीडिया को जानकारी हुई तो छुट्टी करने की वजह पूछी गई.जिसमें पता चला कि शिक्षक के प्रमोशन होने की खुशी में फेयरवेल पार्टी रखी गई थी.इस पार्टी में शामिल होने के लिए संकुल के सभी स्कूलों के शिक्षकों को बुलाया गया था.लिहाजा शिक्षकों ने समय से पहले ही स्कूलों की छुट्टी करके पार्टी में जाने की तैयारी कर ली.लेकिन शिक्षकों ने ये नहीं सोचा कि समय से पहले छुट्टी करने पर बच्चों की पढ़ाई के नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा.
बच्चों की पढ़ाई बर्बाद करने का जिम्मेदार कौन ? : गौरेला विकासखंड में जहां ललाती संकुल के दर्जन भर स्कूलों को शिक्षकों ने बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा पार्टी को अहमियत दी. पार्टी में शामिल होने के लिए शिक्षकों ने आधे समय में ही स्कूलों को बंद कर दिया.इसके लिए छात्रों की छुट्टी करके सभी को घर भेज दिया गया.
क्यों की गई थी छुट्टी :शिक्षकों ने छात्रों को बताया कि संकुल प्रभारी का ट्रांसफर किसी दूसरे स्कूल में हो गया है. जिसके कारण उन्हें विदाई पार्टी दी गई है. उसमें हमें जाना है इसलिए आप सब घर जाइए. छात्रों के मुताबिक सुबह स्कूल आने के बाद से सिर्फ दो पीरियड की पढ़ाई ही स्कूल में हुई है. फिर मध्यान्ह भोजन के बाद छुट्टी कर दी गई.
दोपहर में सड़क में दौड़ रहे थे बच्चे :स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी जब दोपहर में सड़क पर नजर आए तब उनसे पूछा गया कि स्कूल टाइम में सड़क में क्या कर रहे हैं. बच्चों ने बताया कि उनकी छुट्टी कर दी गई है. मामले पर जब संबंधित शिक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि संकुल प्रभारी का संकुल बदल दिया गया है. जिसकी वजह से उन्हें विदाई पार्टी दी गई है. इसलिए उनके स्कूल के साथ-साथ अन्य सभी मिडिल प्राइमरी और हाई स्कूल के शिक्षक पार्टी में शामिल होने लालती जा रहे हैं.लेकिन इसे लेकर जब आदेश मांगा गया तो आदेश की कॉपी नहीं निकली.
मामले में कार्रवाई की बात : वहीं पूरे मामले को प्रशासन के संज्ञान में लाने के बाद प्रशासन के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी मामले पर जांच शुरू की हैं..पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया जैसे कितने ही स्लोगन दीवारों पर लिखे जाते हैं. लेकिन रिजल्ट इसलिए नहीं मिलता क्योंकि जिम्मेदार शिक्षक पढ़ाई के बजाए दूसरी चीजों में मशगूल हो जाते हैं.