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Gaurela Pendra Marwahi : यहां बच्चों की शिक्षा चपरासियों के भरोसे, शिक्षकों की लापरवाही से अंधकार में नौनिहालों का भविष्य, आखिर इसका जिम्मेदार कौन ? - स्कूल में शिक्षकों का होना जरूरी

Gaurela Pendra Marwahi: जिले में बच्चों की शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर है. यहां के कई स्कूलों से शिक्षक गायब हैं. एक स्कूल में तो बच्चों को चपरासी पढ़ा रहे हैं. यहां के बच्चों की शिकायत है कि उनके स्कूल में शिक्षकों का होना जरूरी है. वरना उनकी शिक्षा अधूरी रह जाएगी. Peon Teaching Children

Peon Teaching Children
बच्चों को पढ़ा रहे चपरासी

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 17, 2023, 11:03 PM IST

Updated : Sep 18, 2023, 12:57 PM IST

बच्चों को पढ़ा रहे चपरासी

गौरेला पेंड्रा मरवाही:प्रदेश में इन दिनों लगातार स्कूलों से बदहाल शिक्षा व्यवस्था की तस्वीरें सामने आ रही है. इस बीच गौरेला पेंड्रा मरवाही के एक स्कूल में चपरासी के भरोसे शिक्षा है. यहां स्कूल के चपरासी ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं. स्कूल के शिक्षकों को बच्चों की फिक्र ही नहीं है. इस स्कूल में शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

बच्चों को पढ़ा रहे चपरासी:गौरेला के आधा दर्जन स्कूलों का ईटीवी भारत ने जायजा लिया. इसमें जिले के सारीसडोल पूर्व माध्यमिक शाला में पदस्त तीन शिक्षकों में सिर्फ एक ही शिक्षक स्कूल में मिले. वहीं, संकुल केंद्र जोगीसार की पूर्व माध्यमिक शाला में पांच शिक्षकों की पदस्थापना के बावजूद यहां भी दो ही शिक्षक थे. इस स्कूल में चार कालखंडों में सिर्फ दो विषय विज्ञान और संस्कृत की पढ़ाई हुई. यहां एक रसूखदार शिक्षक का भी पता चला जो लगभग 10 वर्षो से अलग-अलग छात्रवासों में अधीक्षक का काम कर रहे हैं. इसके साथ ही ईटीवी भारत की टीम जिले के बढावन डांढ स्कूल पूर्व माध्यमिक शाला पहुंची. स्कूल में तीन शिक्षक हैं. पर स्कूल में एक ही शिक्षक मिले. पूरे दिन में बच्चों ने एक ही विषय को पढ़ा. शिक्षकों के अभाव में स्कूल के चपरासी बच्चों को पढ़ाते हैं.

शिक्षकों की कमी से प्रभावित हो रही शिक्षा:जिले के बढावन डांढ स्कूल में बच्चों की शिक्षा स्कूल के चपरासियों के भरोसे है. यहां अक्सर शिक्षक गायब रहते हैं. शिक्षकों के स्कूल में ना आने के कारण बच्चे स्कूल से एक ही विषय पढ़कर वापस घर आ जाते हैं. शिक्षकों के अभाव में यहां चपरासी बच्चों को पढ़ा रहे हैं. कुछ ऐसे ही हालात अन्य स्कूलों के भी हैं. जिले के कई स्कूलों में शिक्षक के न होने से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है.

स्कूल में कहने को तो 3 शिक्षक हैं. पर एक शिक्षक आवासीय छात्रावास में संलग्न है, जिसके चलते स्कूल में पढाई प्रभावित होती है. स्कूल के चपरासी बच्चों को पढ़ाते हैं. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए ऐसा करना पड़ रहा है. -पीताम्बर सिंह राठौर, प्रधान पाठक

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क्या कहते हैं स्कूल के बच्चे:बढावन डांढ स्कूल की छात्रा ने बताया कि "आज दिन भर में 2 विषय की ही पढ़ाई हुई है. शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई नहीं हो पाई है. हमें शिक्षकों की बहुत आवश्यकता है. यहां के चपरासी हमें अंग्रेजी और संस्कृत विषय पढ़ाते हैं."

क्या कहते हैं शिक्षा अधिकारी: इस बारे में विकासखंड शिक्षा अधिकारी संजीव शुक्ला ने बताया कि, "ब्लॉक में ट्रेनिंग चल रही है. जहां एकल शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षकों की कमी को दूर करने की व्यवस्था की जा रही है. जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं पहुंच रहे हैं, या बिना बताए गायब हैं. उन शिक्षकों की जानकारी लेकर उन पर जांच की जाएगी."

बता दें कि इस पूरे मामले में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ तो दिख ही रहा है. साथ ही शिक्षकों की लापरवाही भी देखने को मिल रही है. ऐसे में कैसे बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा, जब उन्हें सही तरह से शिक्षा ही नहीं मिलेगी?. आखिर इस शिक्षा के इस हाल के लिए कौन जिम्मेदार है. यह बड़ा सवाल है.

Last Updated : Sep 18, 2023, 12:57 PM IST

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