गौरेला पेंड्रा मरवाही:प्रदेश में इन दिनों लगातार स्कूलों से बदहाल शिक्षा व्यवस्था की तस्वीरें सामने आ रही है. इस बीच गौरेला पेंड्रा मरवाही के एक स्कूल में चपरासी के भरोसे शिक्षा है. यहां स्कूल के चपरासी ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं. स्कूल के शिक्षकों को बच्चों की फिक्र ही नहीं है. इस स्कूल में शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है.
बच्चों को पढ़ा रहे चपरासी:गौरेला के आधा दर्जन स्कूलों का ईटीवी भारत ने जायजा लिया. इसमें जिले के सारीसडोल पूर्व माध्यमिक शाला में पदस्त तीन शिक्षकों में सिर्फ एक ही शिक्षक स्कूल में मिले. वहीं, संकुल केंद्र जोगीसार की पूर्व माध्यमिक शाला में पांच शिक्षकों की पदस्थापना के बावजूद यहां भी दो ही शिक्षक थे. इस स्कूल में चार कालखंडों में सिर्फ दो विषय विज्ञान और संस्कृत की पढ़ाई हुई. यहां एक रसूखदार शिक्षक का भी पता चला जो लगभग 10 वर्षो से अलग-अलग छात्रवासों में अधीक्षक का काम कर रहे हैं. इसके साथ ही ईटीवी भारत की टीम जिले के बढावन डांढ स्कूल पूर्व माध्यमिक शाला पहुंची. स्कूल में तीन शिक्षक हैं. पर स्कूल में एक ही शिक्षक मिले. पूरे दिन में बच्चों ने एक ही विषय को पढ़ा. शिक्षकों के अभाव में स्कूल के चपरासी बच्चों को पढ़ाते हैं.
शिक्षकों की कमी से प्रभावित हो रही शिक्षा:जिले के बढावन डांढ स्कूल में बच्चों की शिक्षा स्कूल के चपरासियों के भरोसे है. यहां अक्सर शिक्षक गायब रहते हैं. शिक्षकों के स्कूल में ना आने के कारण बच्चे स्कूल से एक ही विषय पढ़कर वापस घर आ जाते हैं. शिक्षकों के अभाव में यहां चपरासी बच्चों को पढ़ा रहे हैं. कुछ ऐसे ही हालात अन्य स्कूलों के भी हैं. जिले के कई स्कूलों में शिक्षक के न होने से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है.