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गौरेला का झोलाछाप कलयुगी यमराज, जानिए कैसे पलक झपकते ले ली जान ? - एंटीबायोटिक इंजेक्शन मोनोसेफ

Gaurela Pendra Marwahi गौरेला पेंड्रा मरवाही में झोलाछाप यमराज ने एक घर का चिराग बुझा दिया.वैसे तो पुराणों में किसी इंसान की जिंदगी लेने का अधिकार यमराज को है.लेकिन गौरेला के एक गांव में झोलाछाप यमराज ने ये कारनामा कर दिखाया. आईए बताते हैं आपको क्या है पूरा मामला ? Jholachap doctor takes life of child

Jholachap doctor takes life of child
गौरेला का झोलाछाप कलयुगी यमराज

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 25, 2023, 3:24 PM IST

Updated : Nov 25, 2023, 4:54 PM IST

गौरेला का झोलाछाप कलयुगी यमराज

गौरेला पेंड्रा मरवाही : इंसान की जिंदगी की कीमत कितनी होती है.ये कोई नहीं बता सकता.लेकिन गौरेला पेंड्रा मरवाही के झोलाछाप डॉक्टरों के लिए इंसानी जिंदगी की कीमत तय है.इंसानी शरीर के बीमार पड़ने पर ये झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी टेस्ट और एक्सपीरियंस के अपने दो कौड़ी का इलाज शुरू करते हैं. इंसान रिकवर हुआ तो सब ठीक और यदि केस बिगड़ा तो चुपचाप पैसे देकर मामला रफा दफा कर दो.ऐसा ही एक मामला गौरेला ब्लॉक के ठेंगाडांड गांव में देखने को मिला.जहां झोलाछाप डॉक्टर ने एक हंसते खेलते परिवार का चिराग चंद पैसों के लिए बुझा दिया.


झोलाछाप डॉक्टर कर रहे जान से खिलवाड़ : सरकार गांव-गांव में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से इलाज करने का दावा करती है.लेकिन जमीनी हकीकत इससे परे है. क्योंकि लगभग हर गांव में झोलाछाप डॉक्टर कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं.जिनके लिए पैसा कमाना ही लक्ष्य है.फिर चाहे कोई बचे या मरे.गौरेला ब्लॉक के ठेंगाडांड गांव में मंगल सिंह राठौर का परिवार अब भी गमजदा है.क्योंकि घर का बच्चा अंकुश अब इस दुनिया में नहीं रहा.23 अक्टूबर को रात ढाई बजे अंकुश को बुखार आया.अगले दिन मंगल सिंह अपने बच्चे को खोडरी गांव लेकर गए.जहां यमराज रूपी झोलाछाप डॉक्टर राम सिंह राठौर ने अपनी दुकान खोल रखी थी.

गलत इलाज से मौत :झोलाछाप डॉक्टरराम सिंह राठौर ने बच्चे को बिना चेक किए एंटीबायोटिक इंजेक्शन मोनोसेफ 500 की डोज दे दी.इसके बाद बच्चे की हालत और खराब हुई. इसके बाद डॉक्टर ने और इंजेक्शन डेकसोना बच्चे को लगा दिया.जब इससे भी बच्चा ठीक नहीं हुआ.तो उसे डिप चढ़ा दी गई.आखिरकार दवा की ओवर डोज बच्चा सहन नहीं कर सका और उसका शरीर ठंडा पड़ गया.इसके बाद झोलाछाप डॉक्टर खुद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बच्चे को लेकर गया,जहां डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.

पोस्टमॉर्टम का डर दिखाकर दिए रुपए :इसके बाद झोलाछाप ने वापस बच्चे को माता पिता के पास लाकर छोड़ा.इस दौरान उसने परिवार से कहा कि यदि कहीं भी शिकायत करोगे तो बच्चे का पोस्टमॉर्टम करना होगा.इसलिए 10 हजार रुपए देकर माता पिता को चुप रहने के लिए कहा.इस घटना को एक महीना बीत चुका है.इस दौरान झोलाछाप डॉक्टर रामसिंह राठौर क्लीनिक से नदारद है.

मीडिया में जानकारी होने के बाद जांच की बात :मामले की जानकारी जब स्थानीय सूत्रों से मीडिया को मिली तो सभी क्लीनिक में पहुंचे.जहां बड़ी मात्रा में दवाईयां थी.लेकिन डॉक्टर नहीं था. जब मामले की जानकारी हमने जब जिला चिकित्सा अधिकारी को दी तो मामला संज्ञान में आने के बाद नोडल अधिकारी से जांच करवाने की बात कही गई. वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ के झोलाछाप डॉक्टर द्वारा ले गए मृत बच्चे के शव को प्रशिक्षण के बाद बिना पुलिस सूचना के भेजने पर भी कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया.


क्यों इंसानी जिंदगियों से हो रहा खिलवाड़ ? :स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था का परिणाम झोलाछाप डॉक्टर हैं. झोलाछाप डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग की फैली अव्यवस्था का फायदा उठाकर गांवों में अपनी दुकान जमाते हैं.यहां कम पढ़े लिखे लोगों को प्रैक्टिस का जरिया बनाते हैं.क्योंकि उन्हें पता होता है कि यदि ऊंच नीच हो भी गई तो मामले को संभाल लिया जाएगा. प्रशासन को चाहिए कि ऐसी टीमें बनाए जो जिले के अंदर हर गांवों का दौरा करे और झोलाछाप डॉक्टर समेत उन्हें दवाईयां सप्लाई करने वाले मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई करे.ताकि फिर किसी के घर का चिराग ना बुझे.

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Last Updated : Nov 25, 2023, 4:54 PM IST

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