गरियाबंद: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक आयोग के प्रकरणों की सुनवाई के लिए गुरुवार को गरियाबंद पहुंची थी. बाल विवाह, मानसिक प्रताड़ना, मारपीट, छेड़छाड़ के प्राकरणों पर सुनवाई हुईं है. महिलाओं को प्रताड़ित करने के संबंध में वभिन्न प्रकरणों में सुनवाई हुई है. जिनमें अनेक मामलों को किरणमयी ने कुशलता से निपटारा किया. कुछ मामलों पर आपसी रजामंदी की भी स्थिति निर्मित की जिससे सौहार्दपूर्ण वातावरण में प्रकरणों का निपटारा हुआ.
राज्य महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक छुरा क्षेत्र के मामलों की संख्या अधिक
महिला उत्पीड़न से संबंधित विभिन्न प्रकरणों की सुनवाई रखी गई थी. महिलाओं के साथ मारपीट, मानसिक प्रताड़ना, संपत्ति विवाद, छेड़छाड़, बाल विवाह के साथ ही अनेक प्रकरण रखे गए. छुरा विकासखंड से संबंधित अधिक मामले देखे गए. वहीं कुछ मामले इंदगांव, अतरमारा, बरबाहरा, हरदि, गेंदला के साथ ही अन्य क्षेत्र के थे. पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी लगातार पूरे समय आयोग को सहयोग देते रहे.
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15 में से 12 पर सुनवाई साथ में रजामंदी
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने समक्ष 15 प्रकरण रखे गये थे. जिसमें से 12 प्रकरणों पर सुनवाई हुई. 7 प्रकरणों को रजामंदी कर नस्तीबद्ध किया गया. महिलाओं को समझाईश देते हुए कहा गया कि घरेलू आपसी मनमुटाव का समाधान परिवार के बीच किया जा सकता है. घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान और आपसी सामंजस्य सुखद गृहस्थ के लिए महत्वपूर्ण है.
सरपंच और ग्रामीणों ने दी सफाई
छुरा विकासखंड के ग्राम खुड़ियाडिह की आवेदिका ने सरपंच के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना और गांव में हुक्कापानी बंद होने की शिकायत की थी.अनावेदकों ने बताया कि उनके खिलाफ इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. भविष्य में भी इस तरह की कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. सरपंच और ग्रामीणों ने सफाई देते हुए कहा कि आवेदिका महिला और परिवार का हुक्का पानी बंद नहीं किया गया है. उनके साथ गांव के सभी लोग बातचीत करेंगे. इस प्रकरण में महिला आयोग ने समझाईश दी कि भविष्य में उनके परिवार के खिलाफ किसी भी तरह की प्रतिबंध की शिकायत मिलने पर संबंधित अनावेदकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.