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शिवम अपहरण केस: गरियाबंद SP बोले-यह टीम वर्क की जीत - गरियाबंद एसपी भोजराम पटेल

शिवम की वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गरियाबंद एसपी भोज राम पटेल ने ETV भारत से बातचीत में कहा कि यह टीम वर्क की जीत है.

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एसपी भोज राम पटेल

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Published : Mar 15, 2021, 12:27 AM IST

Updated : Mar 15, 2021, 1:09 AM IST

गरियाबंद:तिरुपति से अपहरण हुए शिवम साहू को आंध्र प्रदेश पुलिस ने उसके परिजनों से मुलाकात करवाई. रविवार को तिरुपति पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी. पुलिस ने शिवम से उसके माता-पिता को भी मिलवाया. इस केस में गरियाबंद के एसपी भोज राम पटेल से ETV भारत ने विशेष चर्चा की. इस प्रकरण के दौरान कैसे गरियाबंद जिला पुलिस ने आंध्र प्रदेश पुलिस की मदद की ? इस सर्च अभियान के दौरान क्या-क्या तकलीफें आई और किन परिस्थितियों के बीच शिवम की सकुशल घर वापसी संभव हो पाई ? इसकी जानकारी एसपी भोज राम पटेल ने दी हैं.

शिवम अपहरण केस

एसपी ने कहा कि यह टीम वर्क की जीत है. इस केस की जानकारी मिलते ही वे लगातार आंद्र प्रदेश पुलिस के संपर्क में थे. डीजीपी, आईजी और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से पूरा सहयोग मिला. वे भी इस केस पर लगातार नजर बनाये हुए थे. हमने सबसे पहले तिरुपति के एसपी से बात की, घटना के संदर्भ में जो भी जानकारी यहां थी, उनको दी गई. सबसे बड़ी समस्या भाषा की थी. बच्चे के पिता की बातों को उन्होंने तिरुपति पुलिस को समझाया. पिता के द्वारा दी गई जानकारी और डिजिटल साक्ष्य के आधार पर टीम बनाई गई और बच्चे की तलाश में भेजा गया. निश्चित तौर यह टीम वर्क की जीत है.

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27 फरवरी को हुआ था अपहरण

अपने परिवार वालों के साथ शिवम तिरुपति दर्शन के लिए गया हुआ था. जहां 27 फरवरी को तिरुपति बस स्टैंड से उसका अपहरण कर लिया गया था. शनिवार को विजयवाड़ा से आंध्र प्रदेश पुलिस ने शिवम साहू को बरामद किया था. इसके बाद पुलिस ने शिवम को चाइल्डलाइन की सुरक्षा में रखा था.

शनिवार को विजयवाड़ा में मिला शिवम

शनिवार की शाम आंध्र प्रदेश पुलिस को विजयवाड़ा बस स्टैंड पर शिवम साहू मिला था. पुलिस ने बताया कि अपरहरणकर्ता बच्चे को बस स्टैंड में छोड़कर चले गए थे.

पुलिस को अपहरणकर्ता का चला पता

जानकारी के मुताबिक 2 दिन पहले आंध्र प्रदेश के वी कोटा नामक गांव में अपहरणकर्ता का घर पुलिस को मिला था. अपहरणकर्ता का नाम भी पता चल चुका था. वहां उन्हें कोई नहीं मिला था. बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ता कैटरिंग और मजदूरी का काम करता था. एक और जानकारी जो सामने आई है, उसके अनुसार अपहरणकर्ता के एक बेटे की कुछ महीने पहले बुखार से मौत हो चुकी थी, जिसकी उम्र शिवम के बराबर ही थी. इस गांव में बच्चों के अपहरण का एक गैंग भी सक्रिय है. अपहरणकर्ता का संबंध उस गैंग से था या नहीं इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है. पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है.

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अपना नाम भूल गया है शिवम

पुलिस ने बच्चे से जब पूछताछ की तो उसने अपने पिता की नाम की जगह अपहरणकर्ता का नाम बताया. माता का नाम पूछने पर उसने अपहरणकर्ता की पत्नी का नाम लिया. वहीं जब स्कूल के बारे में पूछा गया तो उसने गरियाबंद के एक स्कूल का नाम लिया. शिवम की मां ने बताया कि अपहरणकर्ता ने बच्चे को इतना डरा-धमकाया कि वो अपना नाम ही भूल गया है. उसे सिर्फ स्कूल का ही नाम याद है.

अपने परिजनों के साथ तिरुपति दर्शन के लिए गया था शिवम

गरियाबंद के कुरूद गांव से 58 दर्शनार्थियों को लेकर 27 फरवरी को एक बस तिरुपति बालाजी गई थी. इसी बस में गांव में शिक्षक उत्तम साहू भी परिवार के साथ गए थे. सभी लोग वहां पहुंचने के बाद बस स्टैंड पर ही खाना खा रहे थे. इसी बीच रात करीब 9 बजे उनका 6 साल का बेटा शिवम अचानक लापता हो गया. बच्चे को वहां नहीं देख परिजनों और दोस्तों ने आसपास काफी तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला था. स्थानीय तिरुपति सिटी थाने में FIR के बाद भी बच्चे का पता नहीं चलने पर परिजनों ने छत्तीसगढ़ सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. वहीं गरियाबंद एसपी भी लगातार आंध्र प्रदेश पुलिस के लगातार संपर्क में थे. आंध्र प्रदेश पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी जारी किए थे. जिसमें अपहरणकर्ता शिवम को ले जाते दिखे थे.

Last Updated : Mar 15, 2021, 1:09 AM IST

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