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धान खरीदी में देरी से अन्नदाता के हाथ खाली, बिन 'लक्ष्मी' कैसे मनेगी दिवाली

गरियाबंद के किसान कह रहे हैं कि दिवाली के पहले सरकार ने धान खरीदी नहीं की, जिससे हमारी दिवाली मायूसी वाली है, कोचियों को 1400 रुपये प्रति क्विंटल में धान बेचने को मजबूर हैं.

धान खरीदी में देरी से अन्नदाता के हाथ खाली

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Published : Oct 20, 2019, 6:17 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 11:50 PM IST

गरियाबंद: जिले में किसान इस बार धान की अच्छी फसल होने से जितने खुश हैं, उतने ही धान बेचने को लेकर मायूसी भी है. किसानों ने बड़े पैमाने पर धान की कटाई तो शुरू कर दी, लेकिन समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू नहीं हुई है. ऐसे में किसानों के सामने अपना धान बेचने की एक बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है.

दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 16 नवंबर से शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसमें अभी बहुत समय बाकी है. ऐसे में किसान मजदूरों की पैमेंट और दिवाली की त्योहार मनाने के लिए धान को मंडी में सस्ते दामों पर बेचने पर मजबूर हैं.

वहीं किसानों का कहना है कि एक ओर भूपेश सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को दिवाली के पहले ही सैलरी दे रही है, लेकिन किसानों को दिवाली फीकी ही रहेगी. इससे कहीं न कहीं सरकार के निर्णय पर एक सवाल उठता है.

1400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा
साथ ही किसानों ने का कहना है कि सरकार दिवाली के पहले समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करे. इससे किसानों को 2500 रुपये क्विंटल में धान बिक जाएगी, जिससे किसान कोचियों को 1400 रुपये प्रति क्विंटल में धान बेचने को मजबूर न हों.

Last Updated : Oct 20, 2019, 11:50 PM IST

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