गरियाबंद: तमिलनाडु के चेन्नई में लॉक डाउन के बीच 11 मजदूरों फंसे हैं. जिसके बाद मजदूरों ने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है. इन मजदूरों का कहना है कि उनके पास मौजूद राशन खत्म हो चुका है और कोई भी काम नहीं है. मजदूरों का कहना है कि वे अपने गांव देवभोग के निष्ठागुड़ा वापस आने बेहद परेशान हैं लेकिन ना बस की सुविधा है और न ही रेल की.
चेन्नई में फंसे देवभोग के 11 मजदूर, मुख्यमंत्री से लगाई मदद की गुहार - कोरोना की खबर
गरियाबंद के 11 मजदूर लॉकडाउन की वजह से चेन्नई में फंस गए हैं उन्होंने सीएम बघेल से मदद की गुहार लगाई है.
लॉक डाउन के बाद जगह-जगह से मजदूरों के फंसने की खबर आ रही है. मजदूरों ने मीडिया को बताया कि चेन्नई के एयरपोर्ट के नवीनीकरण कार्य के लिए उन्हें मजदूर के रूप में ले जाया गया था, वहां बीते कई दिनों से काम बंद हो चुका है. वहीं उन्हें कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. इसके साथ ही वहां के लोगों की भाषाएं भी उन समझ में नहीं आती. ऐसे में लॉक डाउन के इस समय में उन्हें वहां बेहद डर सता रहा है कि वापस अपने गांव पहुंच तो पहुंचे कैसे. इन मजदूरों ने एक वीडियो बनाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की है कि उन्हें छत्तीसगढ़ तक वापस लाने पहल की जाए.
ये हैं फंसे हुए मजदूर
फंसे हुए मजदूरों में कुमडई कला के देवानंद यादव, अरुण कश्यप, तुलेश्वर नागेश, तीरण पात्र, नेहरू ध्रुव, ऋखीराम नागेश, मुखा गुड़ा, के रमेश मोहरे, साधन प्रधान फुलिगुडा, के गुलशन कुमार, युगल कुमार ,फुल साइ गोपाल शामिल हैं.