दुर्ग:कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लोगों को लॉकडाउन का पालन कराते हुए घरों में रहने के लिए कड़े कदम उठा रही है. शहरों में पुलिस जगह-जगह तैनात है, वहीं गांववालों ने भी इस दौरान मिसाल कायम की है. ग्रामीण शहर के पढ़े-लिखे लोगों से कहीं आगे आकर देश में फैली महामारी से लड़ने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं.
ग्रामीणों को गांव से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा, वहीं गांव में किसी बाहरी व्यक्ति का आना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, फिर चाहे वो मेहमान ही क्यों ना हो. गांव में सिर्फ सरकारी अधिकारी, स्वास्थ्य सेवाओं और पुलिस की एंट्री पर रोक नहीं है. वहीं अतिआवश्यक कारण होने पर जाने वालों को पंच और सरपंच के आदेश के बाद ही आने-जाने की छूट दी जा रही है. दुर्ग, धमधा और पाटन ब्लॉक में ग्राम पंचायतों ने सरकार के लॉकडाउन के आदेश के बाद से ही ग्रामीणों की सहमति से अपना खुद का नियम बना लिया.
बैरिकेड्स लगाकर आने-जाने पर लगाया रोक
दुर्ग ब्लॉक का यह ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी है, जहां लॉकडाउन के बाद से ही गांव के मुख्य मार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिया गया है. वहीं सड़क किनारे आने-जाने के लिए छोड़े गए हिस्से में टेंट लगा दिया गया है, जिसमें 24 घंटे ग्रामीण अपने अनुसार 4 से 5 लोगों की बारी-बारी से ड्यूटी निर्धारित कर चार-चार घंटे अपनी सेवा दे रहे हैं. गांव से जरूरी काम के लिए आने-जाने की छूट दी जा रही है. ग्रामीणों ने टेंट में एक रजिस्टर भी रखा है, जिसमें आने-जाने वालों की एंट्री की जाती है.