दुर्ग: सुपेला स्थित पारख ज्वेलर्स में हुए चोरी के मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी लोकेश श्रीवास को दुर्ग के रैन बसेरा से गिरफ्तार किया गया है. साथ ही आरोपी के पास से चोरी किया गया 5 किलो 558 ग्राम सोने-चांदी के ज्वेलरी सहित नकदी बरामद किया गया है.
बता दें कि यह प्रदेश का सबसे बड़ा चोरी का मामला है. इसमें आरोपी को पुलिस ने 48 घंटे के भीतर ही धर दबोचा है. साथ ही 2 करोड़ 59 लाख रुपए के सोने के ज्वेलरी और नकदी का रिकवरी कर लिया है.
चोरी का खुलासा
दरअसल, भिलाई के सुपेला में पारख ज्वेलर्स में हुई करोड़ों की चोरी का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि आरोपी के पास से सोना और नकद राशि बरामद कर लिया गया है. आरोपी कबीरधाम जिले का निगरानीशुदा बदमाश है. दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि आरोपी लोकेश श्रीवास उर्फ गोलू ने चोरी को अंजाम दिया था. आरोपी चोरी के पैसों से आलीशान पार्लर खोलना चाहता था. वहीं आरोपी के खिलाफ पहले से ही चोरी के 13 मामले दर्ज है. आरोपी ने 15 से 20 दिन तक पूरे क्षेत्र की रेकी की थी, उसके बाद अकेले ही इस वारदात को अंजाम दिया था.
ऐसे दिया घटना को अंजाम
पुलिस ने आरोपी लोकेश को दुर्ग बस स्टैंड स्थित रेन बसेरा डॉरमेट्री से हिरासत में लिया है. आरोपी ने 11 फरवरी की रात को बाजू में निर्माणाधीन शॉप से ही दुकान में घुसकर इलेक्ट्रिक कटर से लिफ्ट की ग्रिल काटी और चार इंच की दीवार तोड़कर अंदर घुसा गया. अंदर जाते ही आरोपी ने सीसीटीवी को मोड़ दिया और लकड़ी के दरवाजे को तोड़कर ज्वेलरी और नकदी को लेकर फरार हो गया.
आरोपी को पकड़ने बनाई गई थी 6 टीमें
आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने 6 टीम बनाई थी, जिसमें 12 हजार मोबाइल नंबर और 300 से अधिक सीसीटीवी को खंगाले गए. साथ ही आदतन और शातिर चोरों की लिस्ट तैयार की गई, जिसमें से फिल्टर करते हुए सभी को ट्रेस किया गया. पुलिस के मुताबिक आरोपी का मोबाइल तीन दिन तक बंद था. इससे पुलिस को शक हुआ और फिर उसे तलाशने पुलिस दुर्ग पहुंची, जहां उनको पता चला की आरोपी दुर्ग के रैन बसेरा में है. जहां पहुंचकर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. साथ ही उससे पूछताछ की गई जिसमें आरोपी ने गुनाह कबूल कर लिया.
आईजी ने टीम को किया पुरस्कृत
वहीं प्रदेश में पहली बार किसी आरोपी के पास से बड़ी मात्र में चोरी के सामानों की रिकवरी की गई है. इसके लिए आईजी ने पूरी टीम को पुरस्कृत करने के साथ ही मुख्यालय स्तर पर भी अनुशंसा पत्र प्रेषित कराने की बात कही है.