छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

दुर्ग: भिलाई के एल्डरमैन पर धोखाधड़ी का आरोप, पीड़ित ने एसपी से लगाई गुहार

दुर्ग के सुपेला में कंपनी में पैसा लगाकर रकम दोगुना करने कर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. साथ ही पीड़ित ने बताया कि उसने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी.

fraud with teacher
भिलाई के एल्डरमैन पर धोखाधड़ी का आरोप

By

Published : Jun 19, 2020, 6:33 PM IST

दुर्ग: सुपेला के फरीद नगर निवासी मो. कासिफ ने भिलाई के एल्डरमैन मो. शादाब और उनके पिता मो. इशराफिल के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की शिकायत दर्ज कराई है. पीड़ित की माने तो इशराफिल ने खुद को महानदी मिनरल्स कंपनी का मालिक बताते हुए 2014 में कंपनी में पैसा लगाकर रकम दोगुना करने का लालच दिया. जिसके बाद पीड़ित ने उस कंपनी में 5 लाख से ज्यादा का निवेश किया. मो. शादाब जो कि मो. इशराफिल का बेटा है और वर्तमान में भिलाई नगर निगम में एल्डरमैन के पद पर कार्यरत है. उसने इस पैसे को क्रेशर प्लांट में लगाने की बात कहते हुए प्लांट में हाइवा गाड़ी की जरूरत होने की बात कहते हुए प्रार्थी से 25 लाख की कीमत की गाड़ी फाइनेंस करवा ली थी. वहीं उसे 1 लाख 20 हजार मासिक किराए पर रख लिया. जिसका भी कोई भुगतान अब तक नहीं किया गया. वहीं प्रार्थी पर आरोपी ने किश्त पटाने का दबाव डालने लगा.

भिलाई के एल्डरमैन पर धोखाधड़ी का आरोप

पैसे मांगने पर आरोपी ने पीड़ित को धमकाया

इस मामले में जब पीड़ित ने मो शादाब से पैसे की मांग की तो उसने आर्थिक स्थिति का बहाना कर पैसे देने से इंकार कर दिया. इतना ही नहीं लगातार पैसे मांगने पर उसने पीड़ितो को धमकी भी दी.

पढ़ें- धमतरी: रेत माफिया की गुंडागर्दी, जिला पंचायत सदस्य को बंधक बनाकर पीटा


पीड़ित को दिया था राजनीतिक रसूख का हवाला

इसके बाद प्रार्थी ने महानदी मिनरल्स कंपनी के बारे में वाणिज्यिक विभाग से जानकारी ली. जिस पर पता चला कि ऐसी कोई कंपनी रजिस्टर नहीं है. प्रार्थी ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से करने की बात कही तो मो. सादाब ने अपना राजनीतिक रसूख का हवाला देकर उनके खिलाफ शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने देने की बात कही.

तीन साल पहले का है मामला

जब अपने आप को ठगा महसूस कर प्रार्थी ने इस बात की शिकायत 11 फरवरी 2017 को सुपेला थाने में की थी. इस पर कोई कार्रवाई भी नहीं हुई. वही 15 अप्रैल 2017 को पुलिस अधीक्षक के समक्ष आवेदन भी दिया. जिसमें पीड़ित ने पैसों के लेनदेन का इकरारनामा, वाहन के संबंध में किरायेनामा, रकम वापसी के लिए आरोपियों से दिये गए चेक की कॉपी और चेक बाउंस के दस्तावेज भी जमा किये थे. जिस पर पुलिस की जांच 3 साल में पूरी नहीं हो सकीं है.

मीडिया के जरिए पुलिस से मांगी मदद

वर्तमान में आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान पीड़ित ने एक बार फिर से जिले के नए पुलिस अधीक्षक के समक्ष गुहार लगाकर न्याय की मांग की है. वहीं इस मामले में राजनीति से जुड़े होने से मीडिया के सामने बयान देने से इंकार कर दिया गया है. इस मामले में पुलिस के अधिकारी ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details