दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में एस्मा एक्ट लागू है. मरीजों के इलाज और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए स्वास्थ्य अमले की ड्यूटी जिला चिकित्सालय और चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल में लगाई गई है. इनमें कुछ डॉक्टर्स और स्टाफ ने अब तक उपस्थिति नहीं दी है. सीएमएचओ ने इन्हें प्रदेश में प्रभावी एस्मा एक्ट के तहत ड्यूटी में तत्काल उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर्स काम पर नहीं आते हैं तो महामारी एक्ट के तहत उनका पंजीयन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी लगाए जाने पर अभी तक उपस्थिति नहीं देने वाले डाक्टरों और अन्य स्टाफ को एस्मा के तहत नोटिस जारी किया गया है. बता दें कि एस्मा एक्ट के तहत प्रदेश में यह पहला नोटिस जारी किया गया है.
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क्या है एस्मा एक्ट ?
दुर्ग सीएमएचओ डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि 15 अप्रैल से प्रदेश में एस्मा एक्ट लागू है. एस्मा का उपयोग किसी भी सेवा को निर्बाध बनाए रखने के लिए किया जाता है. इसके लागू होने के बाद संबंधित काम करने वाले कर्मचारी काम से न तो इनकार कर सकते हैं और न हड़ताल कर सकते हैं. एस्मा एक्ट अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है. एस्मा लागू होने के बाद अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है. इस आदेश से संबंधी किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इसी के तहत जो भी कर्मचारी ड्यूटी से गायब है उन सभी को एस्मा के तहत नोटिस जारी किया गया है.
इन्हें मिला नोटिस-
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी लगाए जाने पर भी अभी तक उपस्थिति नहीं देने वाले 1 चिकित्सा अधिकारी, 1 बीडीएस, 2 इंटर्न डॉक्टर, 5 आईसीयू स्टाफ नर्स, 9 स्टाफ नर्स और 3 एएनएम को यह नोटिस दिया गया है. इसी प्रकार जिला चिकित्सालय में ड्यूटी लगाये जाने पर अभी तक उपस्थिति नहीं देने वाले 1 आईसीयू स्टाफ नर्स, 1 स्टाफ नर्स, 8 वार्ड ब्वॉय और 2 आया को शो-काज नोटिस जारी किया गया है.