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वोटिंग से पहले ही इस प्रत्याशी ने मानी हार, चेहरे को बताया वजह - दावा

दुर्ग की राजनीति प्रदेश में हमेशा से ही सुर्खियों में रही है. जहां नामांकन भरने के साथ ही प्रत्याशी अपनी जीत के दावे करने लगते हैं, वहीं दुर्ग में एक ऐसा भी प्रत्याशी मौजूद है जिसे पूरा कॉन्फिडेंस है कि वो इस बार चुनाव जरूर हारेगा.

राजकुमार गुप्ता

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Published : Apr 2, 2019, 6:59 PM IST

राजकुमार गुप्ता
दुर्ग: स्वाभिमान मंच के लोकसभा प्रत्याशी राजकुमार गुप्ता जो कि दुर्ग लोकसभा के चुनाव के लिए अपना नामांकन जमा कर चुके हैं. उन्होंने चुनाव लड़ने से पहले ही अपनी हार का दावा किया है. जितना दिलचस्प राजकुमार का दावा है उनती ही इंट्रेस्टिंग इसके पीछे की वजह भी है.


किसान नेता के तौर पर है पहचान
वकील राजकुमार गुप्ता प्रदेश में किसान नेता के नाम से अपनी अलग पहचान रखते हैं. उनका मानना है कि 'उन्हें लोकसभा क्षेत्र में अधिकतर लोग चेहरे से ही जानते हैं'. राजकुमार के मुताबिक 'राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी सिर्फ उनके दल को आवंटित चिन्हों के नाम पर ही चुनावी मैदान में उतरते आए हैं, जिनका फायदा भी उन्हें मिलता है'.


तस्वीर को बनाना चाहते हैं चुनाव चिन्ह
गुप्ता ने दावा किया है कि चुनाव आयोग अगर उनके चेहरे को चुनाव चिन्ह बना देता है तो उनकी जीत निश्चित है. दरअसल दुर्ग लोकसभा सीट से स्वाभिमान मंच के प्रत्याशी के तौर पर राजकुमार गुप्ता ने नामंकन जमा किया है. पर्चा दाखिल करने के दौरान उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी से निर्वाचन आयोग द्वारा आवंटित किए जाने वाले चुनाव चिन्ह की बजाए अपने चेहरे (फोटो) पर चुनाव में हिस्सा लेने का आवेदन किया है.


जिला निर्वाचन अधिकारी ने ठुकराई मांग
जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजकुमार को नोटिस जारी कर उनके निवेदन को अस्वीकार कर दिया है. अब चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद गुप्ता ने अपने आवंटित चिन्ह के साथ लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं तक पहुंचने में असमर्थता जताते हुए अपनी हार स्वीकार कर ली है.


सुप्रीम कोर्ट जाने की दी चेतावनी
इसके साथ ही उन्होंने हारने की स्थिति में निर्वाचन आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी भी दी है. अब यह तो 23 मई को ही पता लगेगा कि राजकुमार का यह पॉलिटिकल स्टंट कितना कारगर साबित होता है.

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