भिलाई: नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा भिलाई नगर निगम परिसर में पेड़ के नीचे बैठे हैं. बाकायदा टेबल और कुर्सियां भी लगी हैं. लोग भी अपनी फरियाद लेकर यहां पहुंच रहे हैं. भिलाई नगर निगम में कुल 70 पार्षद हैं. हैरान करने वाली बात तो ये है बीजेपी पार्षद और नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा को आखिर क्यों पेड़ के नीचे तंबू गाड़कर बैठना पड़ रहा है. हालांकि उनके ऐसा करने से उन पर अब कार्रवाई की तलवार भी लटक गई है. कमिश्नर रोहित व्यास की ओर से निगम परिसर में अतिक्रमण करने को लेकर नोटिस भी जारी किया गया है.
जनवरी में बनाया गया नेता प्रतिपक्ष, चैंबर अब तक नहीं:भिलाई नगर निगम में 70 वार्ड हैं, जो टाउनशिप और पटरीपार क्षेत्र में बंटे हुए हैं. इसको लेकर तमाम पार्षद निगम के क्षेत्रों का लेखा जोखा और काम करते रहते हैं. भोजराज सिन्हा को अब तक नेता प्रतिपक्ष होने के नाते चैंबर नहीं मिल पाया है, जहां पर बैठकर आम जनता की समस्या सुन सकें या बीजेपी पार्षदों के साथ बैठकर चर्चा कर सकें. डेढ़ साल पहले नगर निगम का चुनाव हुआ था. भोजराज सिन्हा को 16 जनवरी 2023 को भिलाई नगर निगम नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा गया. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कई बार आयुक्त और महापौर को नेता प्रतिपक्ष का चैंबर अलाट करने के लिए पत्र लिखा. लेकिन शहर सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इसी कारण सोमवार को भोजराज सिन्हा ने नगर निगम परिसर में पेड़ के नीचे टेंट में दफ्तर खोल लिया.
संवैधानिक पद नहीं है नेता प्रतिपक्ष:नगर निगम एक्ट के अनुसार नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक नहीं है बल्कि परंपरागत है. नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का कहना है कि, "भारतीय जनता पार्टी प्रदेश संगठन द्वारा उन्हें 6 महीने पहले नगर पालिका निगम का नेता प्रतिपक्ष घोषित किया गया. इसके बाद मौखिक तौर पर आयुक्त से विपक्ष के पार्षदों ने नगर निगम में बैठने के लिए कक्ष की मांग की. इसके अलावा कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था करने की मांग भी की गई, जो हर नगर निगम में दिया जाता है."