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'मदर्स मार्केट': यहां एक छत के नीचे बिकेगा महिलाओं के हाथ का हुनर और स्वाद

भिलाई नगर निगम इस्पात नगरी की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटा हुआ है. निगम की तरफ से 'मदर्स मार्केट' बनाया गया है. जो आखिरी चरण में है. अनुमान है इस 'मदर्स मार्केट' में करीब 35 हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा. पढ़िए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले ये पॉजिटिव खबर.

Mothers Market for Women
महिलाओं के लिए मदर्स मार्केट

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Published : Mar 4, 2021, 10:58 PM IST

Updated : Mar 5, 2021, 10:00 AM IST

दुर्ग/भिलाई: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भिलाई नगर निगम की ओर से अच्छी पहल की जा रही है. भिलाई के पॉवर हाउस स्थित बस स्टैंड के पास प्रदेश का पहला 'मदर्स मार्केट' बनाया जा रहा है. खास बात ये है कि इस मार्केट को केवल स्व सहायता समूह की महिलाएं ही संचालित करेंगी. महिलाओं को आर्थिक रूप से सबल और मजबूत बनाने के लिए ये पहल की गई है.

महिलाओं के लिए मदर्स मार्केट

'मदर्स मार्केट' से ना सिर्फ महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी बल्कि शहरवासियों को एक ही कैंपस में बेहतर प्रोडक्ट भी मिल सकेंगे. मार्केट का काम फिलहाल अंतिम चरण पर है. इसके बाद जल्द ही महिलाओं का यह मार्केट शुरू हो जाएगा. ETV भारत ने महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं से जाना कि आखिर इस बाजार से उन्हें किस तरह फायदा होगा.

'मदर्स मार्केट' में मॉल जैसी सुविधाएं

इस 'मदर्स मार्केट' में सुपर बाजार और मॉल जैसी सुविधाएं होंगी. महिलाओं के लिए बनाए जाने वाले मार्केट परिसर में हरियाली के साथ ही भवन का भीतरी हिस्सा पूरी तरह से वातानुकूलित होगा. महिला समूह की बैठक व्यवस्था के साथ ही कैंटीन की सुविधा भी इस मार्केट में होगी. जिसका संचालन भी आधी आबादी ही करेगी. तकरीबन 1 करोड़ 48 लाख की लागत से बनने वाला 'मदर्स मार्केट' पूरी तरह से महिलाओं के लिए होगा. जहां महिला समूह अपने प्रोडक्ट बेच सकेंगी.

स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए वरदान

स्व सहायता समूह की महिलाएं अपने लिए मार्केट खुलने से काफी खुश हैं. उनका मानना है कि महिला स्व सहायता समूह के बनाये जा रहे प्रोडक्ट को बेचने की अब तक कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में ये 'मदर्स मार्केट' काफी लाभकारी सिद्ध होगा. नारी शक्ति क्षेत्रीय समिति की अध्यक्ष बी पोलम्मा कहती हैं कि समूह की महिलाओं के अंदर बहुत सी पाक कलाएं छुपी हैं. इस मार्केट के बनने से उन्हें रोजगार भी मिलेगा. साथ ही उनकी कला भी निखरकर बाहर आएगी.

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प्रोडक्ट बेचने में होगी आसानी

अंबेडकर क्षेत्रीय स्तरीय समिति की सचिव रंजीत कौर कहती हैं कि समूह की महिलाओं को अपने उत्पाद को बेचने के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. भिलाई नगर निगम की ये काफी अच्छी पहल है. महिला समूह की प्रमिला पंडित बताती हैं कि पहले वे अपने प्रोडक्ट्स को आस-पास या व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बेचती थीं. लेकिन मार्केट बनने से दुकानें आवंटित की जाएगी. इससे अपने प्रोडक्ट को बेचने में आसानी होगी.

पापड़ के साथ बेचेंगी कपड़ा भी

नारी शक्ति महिला स्व सहायता समूह की कोषाध्यक्ष मनोरमा शर्मा कहती हैं कि वे वर्मीकम्पोस्ट तैयार करते हैं. अब पापड़ और सिलाई कर कपड़ा बेचने के बारे में भी प्लानिंग की है. उन्होंने बताया कि मार्केट बनने से पहले ही उनके समूह की महिलाएं प्रोडक्ट तैयार करने में जुट गई हैं. महिलाओं ने भिलाई नगर निगम को इसके लिए धन्यवाद दिया है.

'मदर्स मार्केट' सिर्फ जिले ही नहीं प्रदेश के लिए भी खास

ETV भारत से विधायक देवेंद्र यादव ने बताया कि ये 'मदर्स मार्केट' महिलाओं के लिए, महिलाओं की तरफ से संचालित एक ऐसा बाजार होगा. जहां पूरी सुविधा के साथ ही रोजगार भी मिलेगा. 'मदर्स मार्केट' में 35 हजार महिलाओं को रोजगार देने का अनुमान है. ग्राउंड फ्लोर की 25 दुकानों में घरेलू सामानों की बिक्री होगी. पहले तल के पूरे क्षेत्र में बेहतरीन सुपर बाजार होगा. इसके साथ ही हर फ्लोर पर पानी, शौचालय व फीडिंग जोन बनाया जा रहा है. ग्राउंड फ्लोर की दो दुकानों में कैंटीन का संचालन किया जाएगा. महिलाएं यहां ज्वेलरी आइटम, ब्यूटी पार्लर, पापड़, पोहा, आचार, बिजोरी, गुलाल, अगरबत्ती धूपबत्ती, दही, पनीर और लिट्टी चोखा बनाएंगी भी और बेचेंगी भी. मदर्स मार्केट में महिलाओं के प्रोडेक्ट की ब्रांडिंग नगर निगम करेगी.

Last Updated : Mar 5, 2021, 10:00 AM IST

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