दुर्गः कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लॉकडाउन है और शासन के निर्देश के बाद जरूरी वस्तुओं को छोड़कर अन्य दुकानें पूरी तरह बंद हैं. प्रदेश में शराब की दुकानें भी बंद हैं और सबसे बड़ी बात तो ये है कि अब खुद भी कई शराब प्रेमी नहीं चाहते कि ये दुकानें दोबारा खुलें.
कुछ शराब प्रेमियों को इंतजार है दुकानें खुलने का, तो कई ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि लॉकडाउन ने उनकी जिंदगी बदल दी है. जहां उन्हें हर दिन शराब चाहिए थी, वहीं आज वे पिछले 22 दिनों से बिना शराब के हैं, जिसका सकारात्मक असर भी उनके स्वास्थ्य और निजी जीवन पर दिखाई देने लगा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही उन्हें मुश्किल हुई, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया. अब ये लोग प्रदेश में शराबबंदी करने की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि कई सालों से लगातार शराब के सेवन से उनकी सेहत खराब थी और पीकर असंतुलित होने और जान चले जाने का भी डर बना रहता था, लेकिन लॉकडाउन के 21 दिन में उन्हें शराब न मिलने पर उनका कॉन्फिडेंस बढ़ गया है कि वे हमेशा के लिए शराब छोड़ सकते हैं.
शराब प्रेमी ज्यादातर मजदूर वर्ग से हैं. वे सुबह दुकान खुलते ही शराब का सेवन करते थे, लेकिन अब इसके नहीं मिलने पर सेहतमंद महसूस कर रहे हैं. शराबप्रेमियों ने बताया कि लॉकडाउन में जिस तरह शराब दुकान को बंद रखा गया, वैसे ही हमेशा के लिए बंद कर दिया जाए. उन्होंने बताया कि कमाई का ज्यादातर हिस्सा तो शराब में चला जाता था और परिवार मे झगड़ा अलग होता था, लेकिन अभी खुशी से जीवन चल रहा है.