धमतरी: जिले में लॉकडाउन के दौरान आत्महत्या के केस लगातार बढ़ रहे हैं. वहीं इन आत्महत्याओं ने पुलिस को परेशान कर रखा है. लगातार हो रही आत्महत्याओं की घटना की वजह पुलिस नहीं समझ पा रही है.
लॉकडाउन में अमूमन लोगों को रोजगार जाने और आर्थिक तंगी की समस्या का शिकार होना पड़ा. इस सब के बीच आत्महत्या जैसे मामले भी बढ़े. अप्रैल से ज्यादा मई और जून में आत्महत्या का ग्राफ बढ़ा है. खुदकुशी करने वालों से सबसे ज्यादा स्ख्या युवकों की है. इ अवधि में 40 साल से कम उम्र के करीब 40 लोगों ने अलग-अलग कारणों से आत्महत्या का रास्ता अपनाया. इसी तरह जनवरी से लेकर अब तक करीब केस सामने आ चुके हैं.
पिछले कुछ महीनों की घटना
- मार्च महीने के दौरान दो बहनों ने एक साथ फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.
- अप्रैल महीने के दौरान शंकरदाह में एक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. सुसाइड करने से पहले युवक ने अपने भाई को व्हाट्सएप पर वाईस मैसेज भेजा था.
- इसी तरह जून महीने में जिले के करेली बाड़ी पुलिस चैकी क्षेत्र के खिसोरा गांव में 11वीं क्लास के छात्र ने खुदकुशी कर ली.
- जुलाई महीने में एक 10 साल के बच्चे ने फांसी लगा कर जान दे दी.
- इसी महीने नगरी के बेलरगांव में एक 22 साल की युवती ने सीलिंग फैन में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.
बिलासपुर: युवक ने अपने परिवार के 5 लोगों को उतारा मौत के घाट, खुद भी की आत्महत्या