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छत्तीसगढ़ का अफसरों वाला गांव, नक्सल प्रभावित इस गांव के हर घर से हैं एक 'साहब' - sihava

नगरी सिहावा के भुरसीडोंगरी गांव के हर घर से एक व्यक्ति सरकारी अफसर हैं. गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के बावजूद इस क्षेत्र के लोगों ने शिक्षा से नाता नहीं तोड़ा और ज्ञान का दीपक जलाकर अपने जीवन में उजाला कर रहे हैं.

गांव भुरसीडोंगरी

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Published : Apr 13, 2019, 12:42 AM IST

Updated : Apr 15, 2019, 8:43 AM IST

धमतरी: यूं तो आपने बहुत से गांव देखे और सुने होंगे पर ऐसा गांव आपने न देखा होगा और न ही सुना होगा. यहां के नागरिक न केवल अपने जिले में बल्कि छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य प्रदेशों में भी राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं. प्रदेश में इस गांव की विशेष पहचान है और पूरे इलाके में एक अलग ही रुतबा है.

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यहां के नागरिक छत्तीसगढ़ के कीर्तिमान और यश पताका को बुलंद कर रहे हैं और देश-दुनिया में छत्तीसगढ़ का डंका बजा रहे हैं. सबसे बड़ी और खास बात ये है कि घोर नक्सल प्रभावित होने के बावजूद इस गांव के लोग इतिहास रच रहे हैं.

हर घर से एक सरकारी अफसर

दरअसल, इस गांव के हर घर से एक व्यक्ति सरकारी अफसर हैं. धमतरी जिले के नगरी-सिहावा अंचल के भुरसीडोंगरी गांव प्रदेश में अपने कीर्ति से अलख जगा रहा है. अब इसे आश्चर्य नहीं, तो और क्या है कहे कि महज 427 परिवार वाले इस गांव के हर घर से एक या दो लोग या तो सरकारी अफसर हैं या फिर सरकारी कर्मचारी.

इसलिए प्रदेश में सबसे अलग है ये गांव
गांव की यही खासियत इसे पूरे प्रदेश में सबसे जुदा बना रही है. गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के बावजूद इस क्षेत्र के लोगों ने शिक्षा से नाता नहीं तोड़ा और ज्ञान का दीपक जलाकर अपने जीवन में उजाला कर रहे हैं. सरकारी नौकरी के आंकड़े पर गौर फरमाए, तो इस गांव में प्रिंसिपल, हेडमास्टर समेत शिक्षकों की संख्या 297 हैं.

वहीं 106 लोग पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. 50 नागरिक ऐसे भी हैं, जो प्रदेश में शीर्ष पदों पर बैठे हुए हैं, जो अपर कलेक्टर, तहसीलदार या फिर सेना में कार्यरत हैं.


ज्यादातर लोग शिक्षा विभाग में या फिर सेना में

इस गांव के ज्यादातर लोग या तो शिक्षा विभाग में हैं या फिर सेना में. गांव के सभी नौकरीपेशा वाले लोग कम से कम एक बार दिवाली में गांव में जरूर आते हैं, भले ही वे देश के किसी भी कोने में हो. ऐसे में मूलभूत सुविधाओं की कमी का अलाप रागने वाले लोगों के इस गांव से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिससे शिक्षा की अलख पूरे देश-प्रदेश में जल सके. बहरहाल, इस खासियत को लेकर जिला प्रशासन गांव की जमकर तारीफ करते नहीं थक रहा हैं. हर तरफ गांव की तारीफ हो रही है.

Last Updated : Apr 15, 2019, 8:43 AM IST

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