धमतरी:लगभग 5 साल पहले तक आर्थिक तंगी से जूझ रही महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो गई हैं. शासन की तरफ से मिली योजना का लाभ लेते हुए धमतरी जिले के अंबेडकर नगर वार्ड में रहने वाली महिलाओं ने 'सहेली संग महिला स्वसहायता समूह' बनाया. इससे जुड़कर आज छत्तीसगढ़ी व्यंजन की कैंटीन चलाकर हर महीने हजारों रुपये कमा रही हैं.
नगर के अंबेडकर नगर वार्ड में रहने वाली महिलाएं काफी गरीब जीवन बिता रही थीं. कुछ करने की इच्छा तो थी, लेकिन घर से बाहर निकलकर खुद को साबित करने की इच्छाशक्ति की कमी के चलते साहस नहीं जुटा पाती थीं. इसी बीच शासन की तरफ से संचालित महत्वपूर्ण स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के बारे में जानकारी मिली. 10 महिलाओं ने 'सहेली संग महिला स्वसहायता समूह' बनाया. समूह बनने के बाद काम शुरू किया.
मुर्रा-लड्डू बनाने से शुरू किया रोजगार
स्वसहायता समूह तैयार होने के बाद पहले उन्हें आंगनबाड़ी में बच्चों को दिये जाने वाले मुर्रा-लड्डू बनाने का काम मिला. जिससे समूह को हर महीने 15 हजार रुपये की आय होने लगी. इनकी बचत राशि धीरे-धीरे बढ़ने लगी. आय के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ा.
कंपोजिट बिल्डिंग में चला रही कैंटीन
इसी बीच साल 2016 में जिले में विभिन्न कार्यालयों को एक जगह स्थापित करने के लिये कलेक्ट्रेट परिसर में कंपोजिट बिल्डिंग बनाया गया. जहां तत्कालीन कलेक्टर ने कर्मचारियों और वहां आने वाले लोगों के चाय, नाश्ता और खाने के लिए कैंटीन के लिए टेंडर जारी किया. इस टेंडर में सहेली संग महिला स्वसहायता समूह को कैंटीन संचालन की जिम्मेदारी मिली. जिसका अब तक सफल संचालन सहेली संग समूह की तरफ से किया जा रहा है. पिछले 5 सालों से ये महिलाएं कलेक्ट्रेट परिसर में कैंटीन चला रही हैं. जहां विभिन्न प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के साथ ही कई तरह का नाश्ता और खाने की व्यवस्था है. महिलाएं यहां अचार और पापड़ भी बनाकर बेचती हैं.
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हर रोज 3 से 4 हजार रुपये की होती है कमाई