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धमतरी: जमीन की ऑनलाइन रजिस्ट्री के लिए NGDRS प्रणाली, हड़ताल से पटवारी संबंधी कामकाज ठप

धमतरी उप पंजीयक कार्यालय में NGDRS सॉफ्टवेयर का मंगलवार से ट्रायल हो रहा है. ऑनलाइन प्रक्रिया के पहले दिन ही तहसील में किसानों की भीड़ देखने को मिली. दस्तावेजों पर पटवारी संबंधी काम काज के लिए किसान परेशान रहे.

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Published : Dec 16, 2020, 7:16 PM IST

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जमीन की ऑनलाइन रजिस्ट्री के लिए NGDRS प्रणाली

धमतरी:पंजीयन विभाग जमीन के दस्तावेजों की पंजीयन में NIC पुणे में विकसित NGDRS(National Generic Document Registration System) सॉफ्टवेयर को लागू करने जा रहा है. NIC पुणे ने इस सॉफ्टवेयर को छत्तीसगढ़ के लिए कस्टमाइज किया गया है. सरकार से अनुमति के बाद धमतरी उप पंजीयक कार्यालय में मंगलवार से इसका ट्रायल हो रहा है.

पटवारियों की हड़ताल से कामकाज प्रभावित

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एक तरफ जहां पटवारी विभिन्न 9 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से पटवारी संबंधी कामकाज ठप है. किसान अपने कामकाज को लेकर तहसील ऑफिस में घंटों इंतजार कर रहें हैं. पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से किसानों के जरूरी दस्तावेजों पर पटवारी संबंधी दस्तखत अटके हुए हैं. इससे किसान काफी परेशान हैं.

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तहसील कार्यालय में किसानों की भीड़

किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्री को किसानों के लिए हितकारी बताया है. समय और पूंजी दोनों की बचत को महत्वपूर्ण बताया. ऑनलाइन प्रक्रिया के पहले दिन ही तहसील कार्यालय में किसानों की भीड़ देखने को मिली. ज्यादातर किसान ऑफलाइन रजिस्ट्री करवाते नजर आए. पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से काम पर काफी असर पड़ा है.

राजस्व विभाग के भुईंया सॉफ्टवेयर में इसका जिक्र

NGDRS सॉफ्टवेयर को देश के 10 राज्यों ने अपनाया है. छत्तीसगढ़ इसे अपनाने वाला 11वां राज्य है. इस सॉफ्टवेयर में अन्य राज्यों में प्रचलित बेहतर प्रावधानों का समावेश किया गया है. संपत्ति के हक और स्वामित्व की जांच के लिए राजस्व विभाग के भुईंया सॉफ्टवेयर से इसका इंटीग्रेशन है. आधार-पैन से जोड़कर पक्षकारों की शिनाख्ती और वेरिफिकेशन ऑनलाइन किए जा सकेंगे

NIC के क्लाउड सर्वर में सुरक्षित रखा जाएगा डाटा

नई व्यवस्था के लागू होने पर दस्तावेजों का पंजीयन आसान हो जाएगा. पंजीयन का काम कम समय में किया जा सकेगा. पक्षकारों को पंजीयन कार्यालय में कम समय रुकना पड़ेगा. पंजीयन के दस्तावेज भी उसी दिन दिए जा सकेंगे. नई व्यवस्था से पंजीकृत दस्तावेजों को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा सकेगा. वहीं उनका नकल भारमुक्त प्रमाण-पत्र आसानी से हासिल होगा. इस प्रणाली में दस्तावेजों का पंजीयन ऑनलाइन सिस्टम से किया जाएगा. समस्त डाटा NIC के क्लाउड सर्वर में सुरक्षित रखा जाएगा.

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