धमतरी: सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील में हरी सब्जी देने के लिए स्कूलों में ही किचन गार्डन बनाने की पहल की गई थी, लेकिन ये पहल धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है, जिले में संचालित सरकारी स्कूलों में से सिर्फ 10 प्रतिशत ही ऐसे हैं, जहां इस पहल के तहत काम हो रहा है.
दरअसल, जिले में कुल 1336 सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील दिया जाता है. इसमें करीब 81806 बच्चों के लिए भोजन पकाया जाता है, जिसमें सरकार की ओर से चावल की आपूर्ति सीधे पीडीएस के माध्यम से स्कूलों में की जाती है. वहीं साग सब्जी इर्धन, मसाला और बाकि की खाद्य सामाग्री के लिए प्रति छात्र रकम भुगतान किया जाता है.
बारिश के मौसम में नहीं खिला पाते हरी सब्जी
प्राथमिक शाला में प्रति छात्र 5.2 पैसे और माध्यमिक छात्र 6.82 पैसे की दर तय की गई है. वहीं यही रकम लकड़ी से भोजन बनाने पर कम होकर 4.82 पैसे और 5.2 पैसे हो जाती है. बारिश के शुरू होते ही सब्जियों के दाम आसमान छूने लगते हैं, ऐसे में बच्चों को इतने कम रुपए में हरी सब्जी खिलाना नामुमकिन हो जाता है.
बच्चों को हरी सब्जी खिलाना था उद्देश्य
बच्चों को हरी सब्जी खिलाने के उद्देश्य से किचन गार्डन बनाने की पहल की गई थी, जिसके तहत स्कूल में ही हरी सब्जी उगाई जानी थी, जिसकी जिम्मेदारी बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों की भी थी, इसका नतीजा ये होता कि सरकारी मदद के बिना भी छात्रों को पौष्टिक खाना मिलता था और प्रकृति से जुड़ाव भी बढ़ता था, लेकिन धमतरी जिले के सिर्फ 10 फीसदी स्कूलों में ही किचन गार्डन चल रहे हैं. बाकि सभी जगह बंद हो चुके हैं.