धमतरी: इंसान मुश्किलों से लड़ ले लेकिन किस्मत से कैसे लड़ सकता है. नगरी ब्लॉक के उमर गांव में रहने वाली 13 साल की दिव्यांग संध्या की कहानी बेहद मार्मिक है. संध्या 90 फीसदी दिव्यांग है. लेकिन आज तक उसे किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिल पाई है. संध्या के अच्छे भविष्य के लिए परिजनों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है.
दिव्यांग संध्या के परिजनों ने लगाई प्रशासन से मदद की गुहार उमर गांव की रहने वाली संध्या 13 साल की है. दो साल पहले संध्या की मां ने दुनिया को अलविदा कह दिया. वहीं संध्या के पिता ने भी उसे अकेला छोड़ दिया. जिसके बाद बच्ची के मामा-मामी ने उसे सहारा दिया. अब संध्या अपने मामा-मामी के पास रहती है और दोनों ही उसका पूरा ख्याल रखते हैं. पड़ोसियों ने भी बताया कि मामा-मामी संध्या को बहुत ही प्यार से रखते हैं.
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मामा-मामी रखते हैं पूरा ख्याल
संध्या 90 फीसदी दिव्यांग है. ये बच्ची हर बात के लिए दूसरों पर निर्भर है. संध्या की मामी, मां की तरह उसे खाना खिलाती है, नहलाती है और उसका पूरा ख्याल रखती है. मामा-मामी दोनों संध्या को अपनी बच्ची की तरह प्यार करते हैं. लेकिन संध्या के अच्छे भविष्य और उसके बेहतरी के लिए उन्हें प्रशासन की मदद चाहिए.
आज तक नहीं मिला कोई सरकारी लाभ
शासन ने दिव्यांगों के लिए कई योजानाएं बनाई है लेकिन इसका लाभ आज तक संध्या को नहीं मिला. वहीं अब तक बच्ची का आधार कार्ड भी नहीं बन पाया है. संध्या को इन शासकीय योजनाओं का लाभ दिलवाने कोई जनप्रतिनिधि भी सामने नहीं आया है. ऐसे में बच्ची के मामा-मामी असहाय हो गए हैं. वे दोनों मजदूर हैं और इस मामले में बच्ची की मदद नहीं कर पा रहे हैं.
कलेक्टर ने दिया मदद का आश्वासन
ये मामला धमतरी कलेक्टर रजत बंसल के पास पहुंचा है. कलेक्टर ने संध्या की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है. अब देखना होगा कि इस दिव्यांग बच्ची को कब तक प्रशासन मदद पहुंचाता है और संध्या की जिदंगी में नई सुबह कब तक दस्तक देगी.