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मानसून की बेरुखी से मुरझाए किसानों के चेहरे, खेतों में पड़ने लगी दरार - फसल

धमतरी जिले में थोड़ी बहुत बारिश होने के बाद अधिकांश किसानों ने बुआई कर ली है और अब धान के पौधे 3 से 4 इंच तक बढ़ गए हैं. ऐसे में अब धान के पौधों को पानी की जरूरत है, लेकिन बारिश नहीं होने से किसानों के खेतों में दरारें आनी शुरू हो गई हैं.

चिंतित किसान

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Published : Jul 17, 2019, 8:57 AM IST

Updated : Jul 17, 2019, 12:39 PM IST

धमतरी: मानसून की बेरुखी से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं. छत्तीसगढ़ में मानसून के कमजोर होने से खेती पर बुरा असर पड़ा है. धमतरी में बारिश न होने के कारण खरीफ फसलों की खेती के लिए सामान्य से काभी काफी कम बुआई हुई है और जो बुआई हुई है, वो पानी की कमी के कारण लगभग बर्बाद होने के कगार पर है.

मानसून की बेरुखी से मुरझाए किसानों के चेहरे

धमतरी के किसान काफी मायूस नजर आ रहे हैं. वहीं अब बारिश नहीं होने से खेतों में दरारें भी आनी शुरू हो गई है. अगर यही हाल रहा तो खेतों में लगे धान की फसल बर्बाद हो सकती है. धमतरी जिले में मानसून आने के बाद से कुछ खास बारिश नहीं हुई है. थोड़ी बहुत बारिश होने के बाद जिले के अधिकांश किसानों ने बुआई कर ली है और अब धान के पौधे 3 से 4 इंच तक बढ़ गए हैं. ऐसे में अब धान के पौधों को पानी की जरूरत है, लेकिन बारिश नहीं होने से किसानों के खेतों में दरारें आनी शुरू हो गई हैं.

हालात चिंताजनक नहीं: कृषि अधिकारी
अगर सप्ताह भर में पानी नहीं गिरा तो खेतों में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी. धमतरी जिले को बांधों का राजा कहा जाता है. जिले में 4 बांध हैं, लेकिन सभी बांध का पेट इस वक्त खाली है जिसके चलते सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा जा सकता है. ऐसे में अब किसान भगवान से अच्छी बारिश के लिए फरियाद कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग के अफसर हालात चिंताजनक नहीं होने की बात कह रहे हैं.

Last Updated : Jul 17, 2019, 12:39 PM IST

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