धमतरी:कोरोना महामारी के चलते लोग कई कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. इसके चलते लोगों के व्यापार भी असर पड़ा है, तो वहीं इसका असर अब गणेश मूर्तियों के कारोबार पर भी पड़ रहा है. मूर्तिकारों को गणेश चतुर्थी के लिए मूर्तियों का ऑर्डर अप्रैल महीने से ही मिलना शुरू हो जाता था, लेकिन मूर्तिकारों के पास इस साल अब तक एक भी ऑर्डर नहीं आया है. ऐसे में कोरोना संकट का असर मूर्तिकारों के काम पर भी पड़ा है.
मूर्तिकारों पर रोजी रोटी का संकट मूर्तिकारों की आजीविका पर कोरोना का खतरा
एक माह बाद गणेश उत्सव होना है. इसके लिए मूर्तिकारों ने प्रतिमाओं को आकार देना शुरू कर दिया है, लेकिन मूर्तिकारों की आजीविका पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. धमतरी जिले में 3000 से ज्यादा मूर्तिकार हैं. जिसमें गणेश की मूर्ति बनाने वाले की संख्या ज्यादा है, लेकिन कोरोना की वजह से अभी धार्मिक आयोजन पर पाबंदी को देखते हुए मूर्तिकार सिर्फ घर में बैठाने के लिए ही छोटी-छोटी गणेश की प्रतिमाएं बना रहे हैं. पिछले साल तक बंगाल से भी मूर्तिकार यहां आकर मूर्ति बनाया करते थे लेकिन इस बार वो भी नहीं आए हैं.
मूर्तिकारों पर रोजी रोटी का संकट 50 लाख से ज्यादा का कारोबार प्रभावित
जिले में 6 शहरी क्षेत्र और 350 से ज्यादा गांव है. शहरी क्षेत्र में हर एक वार्ड में गणपति बप्पा की मूर्ति हर साल सार्वजनिक स्थलों स्थापित की जा रही है. इसके अलावा समितियां उत्साह के साथ गणपति की प्रतिमा स्थापित करती थी. वहीं पंडाल में विविध आयोजन भी किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार स्थिति विपरीत है. इसके साथ ही उत्साह भी कम है. इस वजह से तकरीबन 50 लाख से ज्यादा का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है.
सरकार से मूर्तिकारों को उम्मीद
मूर्तिकारों के आजीविका पर कोरोना का असर कलाकारों को उम्मीद है कि जब सरकार ने लॉकडाउन में राहत दी है. तो नियम बनाकर गणेश पर्व मनाने का भी फैसला लेगी. वहीं अगर अनुमति नहीं मिलती है तो मूर्तिकारों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. मूर्तिकारों ने बताया कि गणेश उत्सव से 4 माह पहले ही उनके पास ऑर्डर आ जाते थे, लेकिन इस बार बड़ी मूर्तियों को लेकर एक भी ऑर्डर नहीं आया है. कोरोना ने उनका रोजगार छीन लिया है. लिहाजा छोटी मूर्तियां बनाने को मजबूर हैं.