धमतरी का पानी टंकी बना सफेद हाथी, नलजल योजना से नहीं हो रहा फायदा ?
Dhamtari PHE department officials negligence: धमतरी में PHE विभाग की लापरवाही के कारण कई गांव के ग्रामीणों को नलजल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. अब ग्रामीण समस्या का निपटारा नहीं होने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं. वहीं प्रशासन बोरवेल तक पानी न पहुंचने की बात कह रहे हैं.
धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी में पीएचई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा कई गांवों को भुगतना पड़ रहा है. दरअसल, अधिकारियों की लापरवाही के कारण बिजनापुरी सहित कई अन्य गांव के लोगों को नलजल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. केन्द्र सरकार के "हर घर नल, हर घर जल" के वादे के ठीक उलट आज भी गांव के सैकड़ों परिवारों को पानी के लिये हैंडपंपों के पास जाना पड़ रहा है. घर तक पानी सप्लाई की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों में नाराजगी देखने को मिल रही है.
ग्रामीणों को नहीं मिल रहा नलजल योजना का लाभ:दरअसल, जिले में नलजल योजना के तहत गांव-गांव में पानी की टंकियां बनाकर पाइप लाइन का विस्तार किया गया है. इसका उद्देश्य था इन पाइप लाइन के जरिये लोगों के घरों तक पानी सप्लाई करना. हालांकि जिले के कुछ ही गांवों में पीएचई की ओर से निर्माण कार्य और पानी सप्लाई शुरू किया गया है. लेकिन अधिकांश गांव में नलजल योजना के संचालन की जिम्मेदारी पंचायतों को सौंपी गई है. लेकिन आज भी कई पंचायत और गांव ऐसे है, जहां के रहवासियों को नलजल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. नलजल योजना से वंचित ग्राम बिजनापुरी, बगदेही, सरसोपुरी के लोग आज भी घर तक पेयजल आपूर्ति होने का इंतजार कर रहे है.
गांव के लगभग 400 घरों तक पाईप लाईन विस्तार:केन्द्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत करीब एक साल पहले पानी टंकी का निर्माण गांव में किया गया था. गांव के लगभग 400 घरों तक पाइप लाइन का विस्तार भी किया गया. तब ग्रामीणों में उम्मीद जगी थी अब उन्हें भी अन्य गांव के लोगों के तरह घर में ही पानी उपलब्ध हो सकेगा. लेकिन टंकी निर्माण और पाइप लाइन विस्तार को एक साल बीत जाने के बाद भी पानी सप्लाई शुरू नहीं हो पाया है.
गांववालों को हो रही दिक्कतें: वहीं, इस बारे में पंचायत पदाधिकारियों और ग्रामीणों का कहना है कि पीएचई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी के कारण ही आज तक बिजनापुरी में "हर घर नल, हर घर जल" का सपना पूरा नहीं हो पाया है. लाखों रुपये खर्च कर बनाया गया पानी टंकी सफेद हाथी बनकर रह गया है. आलम यह है कि गांव की महिलाओं को आज भी काफी दूर पैदल चलकर हैंडपंप से पानी लाना पड़ रहा है.
इस बीच ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द पानी सप्लाई शुरु किया जाए. वरना वो उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे. जिसकी जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी. इधर, जिला प्रशासन का कहना है कि बोरवेल में पानी की कमी होने के कारण सप्लाई शुरू नहीं हुआ है. जल्द ही शासन को नए बोरवेल का एस्टीमेट बना कर भेजा जायेगा.